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Success Story: ज्योतिषी ने कहा नहीं बन पाओगे IAS, फिर किसानपुत्र Navjivan Pawar ने ऐसे पास की UPSC परीक्षा

ज्योतिष ने उनसे कहा था कि 27 साल की उम्र से पहले तुम आईएएस (IAS) नहीं बना पाओगे। यह बात नवजीवन के काफी चुभ गई और उन्होंने ठान लिया कि वो इस परीक्षा को जरूर पास करेंगे। फिर नवजीवन ने कड़ी मेहनत शुरू कर दी।

Success Story: ज्योतिषी ने कहा नहीं बन पाओगे IAS, फिर किसानपुत्र Navjivan Pawar ने ऐसे पास की UPSC परीक्षा

Success Story: ज्योतिषी ने कहा नहीं बन पाओगे IAS, फिर किसानपुत्र Navjivan Pawar ने ऐसे पास की UPSC परीक्षा

महाराष्ट्र में नासिक के एक छोटे से गांव के किसान के बेटे हैं नवजीवन पवार। ये एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। नवजीवन को बचपन से ही काफी संघर्ष करना पड़ा। नवजीवन पढाई के साथ साथ खेतों मे पिता का हाथ भी बटाया करते थे। वे बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे और उन्होंने 12वीं के बाद सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इंजीनियरिंग के बाद करने के बाद उनके मन में UPSC की तैयारी करने का ख्याल आया।

इंजीनियरिंग के बाद UPSC की तैयारी 

इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी होने के बाद नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करने का फैसला किया। इसमें उनके पिता ने सपोर्ट किया और उन्हें तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया। 

ज्योतिषी ने कहा नहीं बन पाओगे IAS 

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) ने एक इंटरव्यू में बताया था कि दिल्ली में उनके टीचर एक बार ज्योतिष के पास लेकर गए। ज्योतिष ने उनसे कहा था कि 27 साल की उम्र से पहले तुम आईएएस (IAS) नहीं बना पाओगे। यह बात नवजीवन के काफी चुभ गई और उन्होंने ठान लिया कि वो इस परीक्षा को जरूर पास करेंगे। फिर नवजीवन ने कड़ी मेहनत शुरू कर दी। 

एग्जाम से पहले हो गए बीमार 

UPSC एग्जाम से करीब एक महीने पहले नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) को डेंगू हो गया और उनकी तबीयत इतनी खराब हो गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद पढ़ाई जारी रखी। उनका हौसला देख डॉक्टर भी हैरान रह गए। नवजीवन बताते हैं कि अस्पताल में एक हाथ पर डॉक्टर इंजेक्शन लगा रहे थे और मेरे दूसरे हाथ पर किताब थी।

पहले अटेम्प्ट मे ही बन गए IAS

बीमारी से ठीक होने के बाद नवजीवन पवार (Navjivan Pawar) ने पहले अटेम्प्ट में ही प्रीलिम्स क्लियर कर लिया। नवजीवन बताते हैं, 'रिजल्ट आने के बाद इंटरव्यू की तैयारी करने लगा। उस समय मेरे मन में ख्याल आया कि जब कोई मेरा भविष्य बता सकता है तो मैं अपना फ्यूचर क्यों नहीं बदल सकता.' आखिरकार नवजीवन की मेहनत रंग लायी और उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 316 हासिल की और बन गए आईएएस अधिकारी।

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