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लाल चींटी की चटनी’ से कोरोना महामारी के इलाज पर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

लाल चींटी की चटनी’ से कोरोना महामारी के इलाज पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा- हम इसके इस्तेमाल करने के नहीं दे सकते आदेश।

लाल चींटी की चटनी’ से कोरोना महामारी के इलाज पर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

लाल चींटी की चटनी’ से कोरोना महामारी के इलाज पर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका दरअसल सुप्रीम कोर्ट मे एक याचिका दाखिल की गयी थी,जिसमे कहा गया था कि लाल चींटी और हरी मिर्च को मिलाकर बनाई गई चटनी को ओडिशा और छत्तीसगढ़ सहित देश के आदिवासी क्षेत्रों में बुखार, खांसी, ठंड, थकान, सांस की समस्या और अन्य बीमारियों में दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

'लाल चींटी की चटनी’ से कोरोना महामारी के इलाज पर सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका,कहा- हम इसके इस्तेमाल का नहीं दे सकते आदेश-

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वो पूरे देश में कोविड-19 के इलाज के लिए परंपरागत मेडिकल या घरेलू मेडिकल के इस्तेमाल का आदेश नहीं दे सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने वो याचिका भी खारिज कर दी, जिसमें घातक वायरस संक्रमण के इलाज के लिए लाल चींटी की चटनी (Red Ant Chutney) का इस्तेमाल करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि देखिए कई परंपरागत मेडिकल हैं, यहां तक कि हमारे घरों में भी परंपरागत मेडिकल होती है। इन इलाजों के परिणाम भी आपको खुद ही भुगतने होते हैं, लेकिन हम पूरे देश में इस परंपरागत मेडिकल को लागू करने के लिए नहीं कह सकते हैं।

ओडिशा हाई कोर्ट ने भी याचिका कर दी थी खारिज-

पीठ ने ओडिशा के आदिवासी समुदाय के सदस्य नयधर पाधियाल को कोविड-19 टीका लगवाने का निर्देश देते हुए याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील अनिरुद्ध सांगनेरिया ने कहा कि ओडिशा हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी और उन्होंने फैसले को चुनौती दी थी। पीठ ने कहा कि समस्या तब शुरू हुई जब हाई कोर्ट ने आयुष मंत्रालय के महानिदेशक और वैज्ञानक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) को तीन महीने के अंदर लाल चींटी की चटनी को कोविड-19 के इलाज के तौर पर इस्तेमाल के प्रस्ताव पर निर्णय लेने के लिए कहा।

कोर्ट ने याचिका को किया खारिज-

कोर्ट ने कहा कि हम इसे खत्म करना चाहते हैं. साथ ही कहा कि हम संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई नहीं करना चाहते, इसलिए विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है। याचिका में कहा गया कि लाल चींटी और हरी मिर्च को मिलाकर बनाई गई चटनी को ओडिशा और छत्तीसगढ़ सहित देश के आदिवासी क्षेत्रों में बुखार, खांसी, ठंड, थकान, सांस की समस्या और अन्य बीमारियों में दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

याचिका में दावा- लाल चींटी की चटनी औषधीय गुणों से है भरपूर

याचिका में दावा किया गया कि लाल चींटी की चटनी औषधीय गुणों से भरपूर होती है और इसमें फॉर्मिक एसिड, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी12 और जिंक होता है। साथ ही कहा कि कोविड-19 के इलाज में इसके प्रभाव को परखने की जरूरत है।

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