लखनऊ। इस बार एक अनोखे संगम के साथ रक्षाबंधन का त्योहार आने को है। 7 अगस्त यानी रक्षाबंधन के दिन एक ओर आखिरी सोमवार होने से दिन शिवमय होगा, वहीं चंद्रग्रहण और भद्रा भी है। चंद्रग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक लग जाते हैं, वहीं सूतक लगने से कुछ देर पहले तक भद्रा प्रभावकारी रहेगी। भद्रा और सूतक के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। इसका मतलब है कि भद्रा समाप्त होने और सूतक शुरू होने के बीच का कुछ समय ही आपके लिए राखी बांधने के लिए शुभ है। जानें इसके बारे में—
राखी के लिए शुभ मुहुर्त-
ज्योतिषाचार्य आशीष निर्विकल्प बताते हैं कि चंद्रग्रहण रात 10.53 बजे से शुरू होगा। इसका मोक्षकाल देर रात 12.48 बजे तक होगा। चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले यानी दोपहर 1.53 बजे से सूतक लग जाएंगे, वहीं सुबह 11.04 बजे तक भद्रा का असर रहेगा। आपके पास राखी बांधने के लिए सुबह 11.05 बजे से लेकर 1.52 मिनट (करीब 3 घंटे) तक का ही शुभ मुहुर्त रहेगा।
आपको बता दें कि इससे पहले वर्ष 2005 में रक्षाबंधन के दिन चंद्रग्रहण लगा था यानी रक्षाबंधन पर चंद्रग्रहण 12 वर्ष बाद लग रहा है। ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 55 मिनट रहेगी। चंद्रग्रहण पूर्ण न होकर खंडग्रास होगा। यह भारत समेत एशिया के अधिकांश देशों, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय देशों, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में दिखाई देगा।
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