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उत्तर प्रदेश

यूपी में बाढ़ का कहर,योगी करेंगे बाढ़ क्षेत्रों का दौरा

एक हफ्ते से हो रही तेज बारिश के कारण यूपी के 16 जिलों में पानी घुस गया है। अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। गोरखपुर, बाराबंकी, मऊ, गोंडा की नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।घाघरा और सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ के हालात गंभीर होते जा रहे हैं।

यूपी में बाढ़ का कहर,योगी करेंगे बाढ़ क्षेत्रों का दौरा

एक हफ्ते से हो रही तेज बारिश के कारण यूपी के 16 जिलों में पानी घुस गया है। अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। गोरखपुर, बाराबंकी, मऊ, गोंडा की नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।घाघरा और सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ के हालात गंभीर होते जा रहे हैं। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिर से कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। मऊ-घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 70 सेमी ऊपर आ गया है। 350 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं। एनडीआरएफ की टीमों ने अपना मोर्चा संभाल लिया है। इसके साथ ही अब प्रभावित इलाकों के बाजारों तक में पानी पहुंचने लगा है। बाढ़ के प्रकोप के कारण चार ब्लाकों के 1500 प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर दिया गया है।

स्कूल बंद होने का निर्देश
गोरखपुर-बस्ती मण्डल में बाढ़ की स्थिति और गम्भीर हो गई है। प्रशासन ने इंटर तक के सारे स्कूल-कालेज बन्द कर दिए हैं। बाढ़ का सर्वाधिक असर सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर और गोरखपुर जिले में है लेकिन अब सन्तकबीरनगर और देवरिया में भी खतरा बढ़ने लगा है। दोनों मण्डलों में 100 से अधिक गांव बाढ़ से घिर चुके हैं। महराजगंज में गुरुवार को तीन बच्चियां रोहिन की तेज़ धारा में बह गईं।सिद्धार्थनगर जिले की दो तहसीलों के सात गांवों के लोग बाढ़ में फंस गए हैं। वहां के लोगों को एयरफोर्स के हेलीकाप्टरों से शाम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू हुआ। इस बीच गोरखपुर-सोनोली मार्ग पर बस सेवा ठप हो गई है।
राप्ती का बनदेइया बांध टूटा, दर्जनों गांव पानी से घिरे

कुशीनगर में बाढ़ की स्थिति
गंडक नदी का जलस्तर कम होने से खड्डा रेता के गांवों से पानी निकला। छितौनी गाइड बांध टूटने से छितौनी, बुलहवा आदि गांवों में लगा पानी अब भी है। अमवा खास के पास बिहार के पिपरा बांध कटने से दुदही के कई गांवों में घुसा पानी धीरे धीरे निकल रहा है। नदी का जलस्तर कम होने से एपी तटबंध के बघाचौर व् कोन्हवालिया में नदी बैकरोलिंग कर बांध को काट रही है। पानी भले ही कम हो रहा है लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें बनी हुई हैं।


आज़मगढ़
आज़मगढ़ के सगड़ी तहसील के महराजगंज व हरैया ब्लॉक के 50 गांव घाघरा की बाढ़ की चपेट में है। दोनों विकास खंडों की 96 हज़ार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। अबतक प्रशासन ने 190 नाव लगाईं है। बदरहुआ गेज पर नदी का जल स्तर शुक्रवार सुबह आठ बजे 10 सेमी बढ़कर 72.76. मीटर दर्ज किया गया। इस गेज का खतरा बिंदु 71.68 मीटर है।यहां अब तक का अधिकतम गेज सन1998 में 72.98 मीटर के रूप में दर्ज है।

कल रात तक गोरखपुर-बस्ती मण्डल की प्रमुख नदियों की स्थिति/ रिवर मीटर
राप्ती खतरे का निशान- 74.980 मीटर, वर्तमान स्थिति- 76.090
रोहिन- खतरे का निशान- 82.440 मीटर, वर्तमान स्थिति-85.200 मीटर,
घाघरा- खतरे का निशान-92.75 मीटर वर्तमान स्थिति-95.08 मीटर,
बूढ़ी राप्ती- खतरे का निशान- 85.650 मीटर, वर्तमान स्थिति-88.404 मीटर
देवरिया में रौद्र रूप धारण कर रही घाघरा ने गुरुवार रात बरहज क्षेत्र के परसिया देवार में मुख्य बंधे को करीब 10 मीटर तक काट दिया। रात के समय तेज आवाज के साथ बंधा टूटा तो अगल-बगल के गांवो में अफरा-तफरी मच गई। रात से लेकर सुबह तक ग्रामीणों ने सैकड़ो बोरी मिट्टी डाल टूटे बंधे से बह रहे नदी के पानी को रोकने का प्रयास किया लेकिन असफलता हाथ लगी। शुक्रवार की सुबह एसडीएम अरुण कुमार सिंह ने टूटे बंधे का निरीक्षण किया।

बरहज के दियारा क्षेत्र में घाघरा की बाढ़ से बचाव के लिए बना परसिया व विशुनपुर देवार का मुख्य बंधा रात करीब 12 बजे तेज आवाज के साथ टूटा तो बगल के टोलों में सो रहे ग्रामीणों में बेचैनी बढ़ गई। बंधे को तोड़ सबसे पहले पानी परसिया देवार के धोबिया टोला में घुसा तो ग्रामीण शोर मचाते हुए बंधे की ओर दौड़ पड़े। टोले में पानी बढ़ता देख ग्रामीण सहम उठे। देखते ही देखते घाघरा का पानी विशुनपुर देवार के 18 व परसिया देवार के पांच टोलों में घुस गया। ग्रामीणों ने बंधे पर पांच सौ बोरी मिट्टी डाल पानी रोकने का अथक प्रयास किया, लेकिन पानी नहीं रुका। जलमग्न हुए 23 टोलों का सम्पर्क मार्ग कट जाने से ग्रामीणों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने ऐतिहात के तौर पर पहले से ही दियारा में 19 नावें लगाई हैं।
घाघरा और सरयू का सितम गहराया, देवदूत बनी एनडीआरएफ

गुरूवार से तेज हुआ घाघरा और सरयू नदियों का कहर गहरा गया है। रात से लेकर शुक्रवार सुबह तक दो तहसीलों के बीस गांव और चपेट में आ गए हैं। करनैलगंज के बाढ़ राहत केन्द्र पाल्हापुर तक बाढ़ के प्रवेश करने के बाद राहत केन्द्र बंद कर दिया गया है। वही प्रभावित इलाकों के लिए एनडीआरएफ किसी देवदूत से कम नही साबित हो रही है। पिछले 48 घंटों से एनडीआरएफ के जवान लगातार प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने और राहत पहुंचाने में जुटे हैं। आज सुबह घाघरा खतरे के निशान से 109 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जिसके कारण नये इलाके चपेट में आ रहे हैं। हालांकि प्रशासन ने दावा किया कि प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है लेकिन अभी भी बहुतों के फंसे होने की आशंका है। करनैलगंज तहसील के बाढ़ प्रभावित इलाकों की संख्या 55 से बढ़कर 65 हो गई है तो परसपुर में 25 गांव प्रभावित हुए हैं।


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