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विजय माल्या मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की नजर एक विदेशी ट्रस्ट पर पड़ी है। इस ट्रस्ट को माल्या के पिता विट्ठल माल्या ने 1982 में बनाया था।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि गोल्डन ईगल ट्रस्ट का मुख्यालय आइल ऑफ मैन में है, जो एक टैक्स हेवन है। उन्होंने कहा कि भारत से बाहर भेजी गई और खासतौर से ब्रिटेन और अमरीका में कई डील्स में इस्तेमाल हुई रकम का बड़ा हिस्सा इस ट्रस्ट में आने का शक है।
अधिकारियों ने कहा कि भारत से रकम पनामा, मोंटे कार्लो और लिखटेंस्टाइन जैसे टैक्स हेवंस में भी भेजी गई। ईडी की नजर दो और ट्रस्ट्स पर है। अधिकारियों का कहना है कि विजय माल्या ने इनका भी इस्तेमाल किया था।
विजय माल्या के पास ईटी ने सवाल भेजे थे। उनके प्रवक्ता सुमंतो भट्टाचार्य ने कहा कि माल्या को कुछ नहीं कहना है। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि उनकी नजर एक लंबी अवधि में कई कंपनियों के बीच हुए जटिल ट्रांजेक्शन पर है। एक मामले की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड से 4,000 करोड़ रुपए 2007 के शुरू में ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में एक बैंक खाते में भेजे गए थे। तब यूएसएल पर विजय माल्या का कंट्रोल था।
जांचकर्ताओं का कहना है कि उनकी विशेष दिलचस्पी गोल्डन ईगल ट्रस्ट में है क्योंकि विदेश में माल्या की कई गतिविधियों की फाइनैंसिंग यह करता है। यूएस सिक्यॉरिटी ऐंड एक्सचेंज कमिशन के पास जमा दस्तावेजों के अनुसार और ईडी की ओर से चल रही जांच के मुताबिक, इस ट्रस्ट के पैसों से कैलिफॉर्निया में मेंडोचिनो ब्रुइंग कंपनी खरीदी गई। माल्या अपनी इस कंपनी के मेजॉरिटी स्टेकहोल्डर हैं।
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