नई दिल्ली : घर खरीददारों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया रियल एस्टेट कानून यानी रेरा आज से लागू हो गया है। अब देश के हर एक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी जो कानून के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी। साल 2016 में संसद में पास हुए रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम 2016 की सभी 92 धाराएं आज से प्रभावी हो रही हैं। इस कानून से जहां घर खरीदने वालों के लिए राहत मिलेगी वहीं बिल्डरों-डेवलपरों के लिए यह परेशानी वाली खबर है। यह कानून पिछले साल मार्च में संसद में पास हुआ था। नए कानून के तहत अब खरीददार बिल्डर की मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आरईआरए के लागू होने से हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में पारदर्शिता बढ़ेगी। हालांकि इसे अब तक सिर्फ 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ही लागू करने की अधिसूचना जारी की है।
शहरी आवास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि नया कानून बिल्डरों के गले पर फंदा नहीं है बल्कि इससे जो बदलाव आएगा उससे बिल्डरों को ज्यादा खरीदार मिलेंगे और ज्यादा खरीदार मिलने से बाजार तरक्की करेगा। उन्होंने कहा इस कानून के बाद खरीददार किंग बन जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि सलेक्ट कमेटी की सिफारिश है कि बिल्डर को 50 फीसदी पैसा बैंक में जमा करना होगा हमने उसे 70 फीसदी किया। सिफारिश सिर्फ रेजिडेंशियल के लिए थीहमने इसमें कमर्शियल्स को भी शामिल किया था।
इस कानून के चलते अब निर्माणाधीन प्रोजेक्ट को 3 महीने में नियामक प्राधिकरण में रजिस्टर्ड कराना होगा। जिन्हें कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला वो प्रोजेक्ट भी इसमें आएंगे। रजिस्टर्ट प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी अब प्राधिकरण के पास होगी। अब कॉरपेट एरिया पर घर बेचे जाएंगे न कि बिल्ड-अप एरिया पर। कानून लागू करने वाले राज्य नियामक प्राधिकरण का गठन करेंगे। वादा पूरा न करने पर बिल्डर को 3 से 5 साल तक जेल हो सकती है।
नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Twitter, व Google News पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।