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मशीनरी को स्मार्ट करें CM अखिलेश

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि स्मार्ट मुख्यमंत्री तंज कसने की बजाए अपनी मशीनरी को स्मार्ट करें। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना के प्रथम चरण में उप्र के किसी भी शहर का न चुना जाना सरकार की कार्यशैली पर बड़ा सवालियां निशान है। जब प्रतिपर्धा में भाग लेने के लिए 2 करोड़

मशीनरी को स्मार्ट करें CM अखिलेश

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि स्मार्ट मुख्यमंत्री तंज कसने की बजाए अपनी मशीनरी को स्मार्ट करें। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना के प्रथम चरण में उप्र के किसी भी शहर का न चुना जाना सरकार की कार्यशैली पर बड़ा सवालियां निशान है। जब प्रतिपर्धा में भाग लेने के लिए 2 करोड़ रूपए एजेन्सियों से जरूरी मद लेकर डीपीआर बनाए जाने की व्यवस्था थी तो समन्यवित खाका क्यों नहीं पेश किया जा सका। उन्होंने कहा कि मजहबी आधार पर मजरों का विकास करती अखिलेश सरकार विकास की पारदर्शी प्रक्रिया में मशीनरी को क्यों नहीं स्मार्ट बनाना चाहती है। उप्र ने स्मार्ट सिटी योनजा में गंभीरता से पहल नहीं की और अब राजनैतिक बयानबाजी की जा रही है। 

सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के तंज 'बीजेपी वाले स्मार्ट निकले नहीं दी एक भी स्मार्ट सिटी' पर पटलवार करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि देश और शायद दुनिया में पहली बार विभिन्न स्तरों पर कड़ी प्रतियोगिता के आधार पर विकास और निवेश के लिए शहरों का चुनाव हुआ। शहरों के बीच खुली प्रतियोगिता का आयोजन हुआ और पूरी पारदर्शिता बरती गई। 20 शहरों के चुनाव में न तो कोई राजनैतिक हस्तक्षेप था  और न ही केन्द्र सरकार की कोई भूमिका। फिर भी अपने प्रशासनिक तंत्र की नाकामी पर विचार करने के बजाए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भाजपा पर तंज कस रहे है, इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा क्या मुख्यमंत्री नहीं जानते है कि स्मार्ट सिटी के चयन के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई। उस प्रक्रिया के तहत चयनित शहरों में उप्र के शहर नहीं आ पाए क्या इस पर उन्होंने कोई मंथन किया, पूछताछ की ? 

उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन में उप्र को और नगर निकायों को अपनी योजना तैयार करने में पूरी स्वायत्ता दी गई। देश में शहरी विकास मिशन को सफल बनाने के लिए पहली बार जनता के विचार, सुझाव और फीडबैक को इस योजना में शामिल करना अनिवार्य बनाया गया। जिन शहरों का चयन स्मार्ट सिटी योजना के तहत किया गया था उन्हें राष्ट्रीय और अतंराष्ट्रीय एजेन्सियों से प्रस्ताव सहित तकनीकी जानकारी की मद के लिए 2 करोड़ रूपए दिए गए। किन्तु सब कुछ होने के बावजूद स्वस्थ प्रतिपर्धा में उप्र के किसी शहर का प्रथम चरण में न आना, वास्तव में बड़ा सवाल है, और इसके लिए स्वस्थ मन से एक बार विचार किया जाना चाहिए कि आखिर सरकार और निकाय के बीच में बेहतर ताल-मेल का क्यों अभाव है ? 

पाठक ने कहा कि भाजपा पर उप्र की अनदेखी का आरोप लगाते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कहने के पहले विचार करे अभी 24 घंटे बिजली देने की योजना में केन्द्र सरकार ने लक्ष्य और प्रतिबद्धता साथ-साथ दिखाई, किन्तु जब योजनाओं को अपनी मशीनरी के द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अमलीजामा नहीं पहना पा रहे है तो क्या इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है ? राज्य में योजनाएं हैं, पैसा भी है पर पहंच नहीं रहा है तो स्वाभाविक है मशीनरी को स्मार्ट बनाना होगा। भाजपा प्रवक्ता ने कहा तंज कसने के बजाए मशीनरी को स्मार्ट करने में जुटें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव।

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