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20 साल बाद यूपी बोर्ड ने अपने नए सत्र में किये बड़े बदलाव

20 साल बाद यूपी बोर्ड ने अपने नए सत्र में किये बड़े बदलाव

20 साल बाद यूपी बोर्ड ने अपने नए सत्र में किये बड़े बदलाव

यूपी बोर्ड ने अपने नए सत्र में एक बड़े बदलाव की प्रक्रिया के लिए नोटिफिकेशन जारी करते हुए बोर्ड ने हाईस्कूल में प्रारंभिक गणित के विकल्प को खत्म कर दिया है। अब सभी परीक्षार्थियों को गणित विषय की पढ़ाई करनी होगी और परीक्षा भी इसी विषय की होगी। एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम अब लागू किया जा रहा है जिसके चलते प्रारंभिक गणित को समाप्त किया जा रहा है। नये शैक्षणिक सत्र से कक्षा 9 एवं 10 में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण (एनसीईआरटी) के पैटर्न पर आधारित पाठ्यक्रम लागू हो जायेगा और इसके चलते बोर्ड प्रारंभिक गणित को बाय बाय कर दिया है।

आखिरी बार होगी प्रारंभिक गणित की परीक्षा
सचिव यूपी बोर्ड नीना श्रीवास्तव ने बताया कि 2017-18 में कक्षा 9 के जिन छात्रों ने प्रारंभिक गणित का विषय चुना था उनके लिए 2019 में हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा कराई जाएगी। यह आखिरी बार होगा जब प्रारंभिक गणित की परीक्षा होगी क्योंकि इसके बाद 2020 की हाईस्कूल परीक्षा में प्रारंभिक गणित का पेपर नहीं होगा। अब 1 अप्रैल से शुरू हो रहे 2018-19 शैक्षणिक सत्र में जो बच्चे कक्षा 9 में प्रवेश लेंगे, उनके लिये प्रारंभिक गणित विषय का विकल्प नहीं उपलब्ध होगा। सभी को गणित विषय ही चुनना होगा।प्रारंभिक गणित विषय खत्म होने के बाद छात्राओं के लिए यह जरूरी नहीं होगा कि वह गणित विषय लेकर ही पढ़ाई करें। छात्राओं के लिए गृह विज्ञान विषय का विकल्प उपलब्ध होगा और वह गणित की जगह इस विषय से भी एडमिशन ले सकेंगी। वही ये भी बताया कि यूपी बोर्ड में प्रारंभिक गणित के मुकाबले गणित विषय के छात्र बहुसंख्यक हैं। अगर 2018 के शैक्षणिक सत्र का आंकड़ा देखे तो हाईस्कूल परीक्षा में प्रारंभिक गणित लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या 1 लाख 48 हजार 755 थी लेकिन गणित लेने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 25 लाख 21 हजार 353 थी। इससे यह तो पहले ही स्पष्ट था कि गणित को बच्चे अधिक वरीयता दे रहे हैं।

20 साल बाद हुआ बदलाव
यूपी बोर्ड में आखरी बार विषय में बदलाव 1998 में हुआ था। तब शासन ने हाई स्कूल में गणित और प्रारंभिक गणित विषय को लागू किया था। उस समय प्रारंभिक गणित में पुराने पैटर्न की विषय-वस्तु रखी गयी थी। यह एक प्रचलन बन गया था कि जिन छात्रों को इंटर में विज्ञान विषय की पढ़ाई करनी होती थी वही गणित विषय लेते थे जबकि विज्ञान विषय न लेने वाले छात्र प्रारंभिक गणित नहीं ले रहे थे लेकिन अब इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी के बाद में शैक्षणिक सत्र से प्रारंभिक गणित का विकल्प खत्म कर दिया गया है।

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