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Lambda variant: कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद अब "लैम्ब्डा वेरिएंट" ने दी दस्तक, जाने क्या है लैम्ब्डा वेरिएंट और इसके लक्षण?

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अभी तक थमी ही नहीं थी कि कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद अब नए वेरिएंट लैम्ब्डा ने दस्तक दे दी है

Lambda variant: कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद अब लैम्ब्डा वेरिएंट ने दी दस्तक, जाने क्या है लैम्ब्डा वेरिएंट और इसके लक्षण?

Lambda variant: कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद अब "लैम्ब्डा वेरिएंट" ने दी दस्तक, जाने क्या है लैम्ब्डा वेरिएंट और इसके लक्षण?

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अभी तक थमी ही नहीं थी कि कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद अब नए वेरिएंट लैम्ब्डा ने दस्तक दे दी है। लैम्ब्डा वेरिएंट जिसे वैज्ञानिकों ने सी.37 भी नाम दिया है, जिसकी अब तक 25 से अधिक देशों में पुष्टि की गई है।

 क्या है लैम्ब्डा वेरिएंट?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में कोरोना वायरस के सी.37 म्यूटेंट को एक नया वेरिएंट घोषित किया है। लैम्ब्डा के नाम से पहचाने जाने वाले इस वेरिएंट पहली बार 14 जून को पहचाना गया था। यह पहली बार पेरू में देखा गया था, जो जल्द ही दक्षिण अमेरिका के देशों में फैल गया है। हाल ही में लैम्ब्डा वेरिएंट को ब्रिटेन और कुछ यूरोपीय देशों के कुछ हिस्सों में भी पता चला है। 

यह सांतवां वेरिएंट है जिसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट में शामिल किया गया है। वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट का मतलब है कि यह म्यूटेंट आगे संचरण क्षमता और वायरल प्रसार को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों को प्रभावित कर सकते हैं। 

कितना खतरनाक है यह वेरिएंट? 

लैम्ब्डा वेरिएंट हालांकि अभी तक चिंताजनक वेरिएंट नहीं है लेकिन इसे संभावित खतरे के रूप में माना जा रहा है क्योंकि इसमें उच्च संचरण क्षमता और उत्परिवर्तन विशेषताएं हैं। वर्तमान में हुए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया है कि लैम्ब्डा वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में कम से कम 7 म्यूटेशन होते हैं जो इसे घातक बनाते हैं और संचरण को बढ़ाते हैं। 

लैम्ब्डा वेरिएंट के लक्षण-

पेरू लैम्ब्डा वेरिएंट के फैलाव का केंद्र बना हुआ है। देश में पिछले साल के मुकाबले इस बार मृत्यु दर में वृद्धि देखी गई है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस वृद्धि के पीछे वेरिएंट जिम्मेदार है या नहीं। 

विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को आम तौर पर वेरिएंट के संभावित लक्षणों के बारे में सतर्क रहना चाहिए। इसके लक्षण लगातार तेज खांसी, तेज बुखार, स्वाद व गंध में बदलाव, सांस फूलना और शरीर में दर्द आदि हैं।

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