उच्चतम न्यायालय में सोमवार को एक जनहित याचिका दायर की गई जिसमें केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई कि दम्पतियों द्वारा दो बच्चों के नियम का सख्ती से पालन किया जाए और ऐसा नहीं किए जाने पर उन्हें सुविधाएं नहीं मिलें। याचिका में आरोप लगाया गया है कि जनसंख्या में बढ़ोतरी से देश के सीमित संसाधनों पर बोझ पड़ रहा है और इससे लगातार क्षरण हो रहा है।
याचिका सुनवाई के लिए इस सप्ताह सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। याचिका सामाजिक कार्यकर्ता अनुपम बाजपेयी ने अधिवक्ता शिव कुमार त्रिपाठी के माध्यम से दायर की है। इसमें कहा गया है, ‘‘नागरिकों पर अधिकतम दो बच्चों को जन्म देने की सीमा होनी चाहिए और ऐसा नहीं होने पर संबंधित व्यक्ति सरकार की ओर से अपने नागरिकों को दी जाने वाली सरकारी सुविधाएं एवं अन्य लाभ के लिए अयोग्य हो जाए।’’
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