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Benefits Of Bitter Gourd: करेला खाने के फायदे, जाने करेला खाने का सही तरीका

करेला खाने के फायदों के बारे में बहुत करेला कम ही लोग जानते हैं। करेला स्वाद में भले ही कड़वा लगता हो, लेकिन इससे होने वाले फायदे बहुत मीठे हैं।

Benefits Of Bitter Gourd:  करेला खाने के फायदे, जाने करेला खाने का सही तरीका

Benefits Of Bitter Gourd: करेला खाने के फायदे, जाने करेला खाने का सही तरीका।

करेला खाने के फायदों के बारे में बहुत करेला कम ही लोग जानते हैं। करेला स्वाद में भले ही कड़वा लगता हो, लेकिन इससे होने वाले फायदे बहुत मीठे हैं। इन्हें जानने के बाद आप सिर्फ करेले के स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि इसके गुणों के कारण भी इसका सेवन करने लगेंगे। तो आइये जानते हैं करेला खाने के फायदों के बारे में।

करेला खाने के फायदे:

पाचन संबंधी समस्याओं मे-

करेले में फास्फोरस अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह कफ, कब्ज और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। इसके सेवन से भोजन का पाचन ठीक तरह से होता है,जिससे भूख भी खुलकर लगती है। 

अस्थमा मे-

अस्थमा की शि‍कायत होने पर करेला बेहद फायदेमंद होता है। दमा रोग में करेले की बगैर मसाले की सब्जी खाने से लाभ मिलता है। 

पथरी में-

पथरी की समस्या होने पर लोगों को ऑपरेशन से होकर गुजरना पड़ता है, जिसमें बहुत तकलीफ होती है। लेकिन करेले के रस का सेवन मात्र करने से इस समस्या से निदान पाया जा सकता है। इससे पथरी निकालने में मदद मिलेगी।

लीवर की समस्याओं में-

करेले का जूस पीने से लीवर मजबूत होता है और लीवर की सभी समस्याएं खत्म हो जाती है। प्रतिदिन इसके सेवन से एक सप्ताह में परिणाम प्राप्त होने लगते हैं। इससे पीलिया में भी लाभ मिलता है। 

चर्म रोग में-

करेला के उपयोग से चर्म रोग में भी लाभ मिलता है। करेला के पौधे, दालचीनी, पीपर और चावल को जंगली बादाम के तेल में मिला लें। इसे लगाने से त्वचा विकार, या चर्म रोग में फायदा होता है।

कान दर्द में-

करेले के रस के कई फायदे हैं। उन्हीं में से एक कान में दर्द की समस्या को दूर करना भी है ताजा करेले का रस पिएं, साथ ही करेले का रस निकालकर 3-5 बूंदों को कान में भी डालने से जल्द ही आपको दर्द से राहत मिलेगी।

उल्टी-दस्त या हैजा में-

उल्टी-दस्त या हैजा हो जाने पर करेले के रस में काला नमक मिलाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है। जलोदर की समस्या होने पर भी दो चम्मच करेले का रस पनी में मिलाकर पीने से लाभ होता है। 

सिर दर्द में-

सिर दर्द में भी करेला से फायदा होता है। करेला के पत्ते के रस में थोड़ा गाय का घी, और पित्तपापड़े का रस मिला लें। इसका लेप करने से सिर दर्द में आराम मिलता है।

पैरालिसिस में-

लकवा या पैरालिसिस में भी करेला बहुत कारगर उपाय है। इसमें कच्चा करेला खाने से रोगी के लिए लाभदायक होता है। 

मधुमेह में-

खून साफ करने के लिए भी करेला अमृत के समान है। मधुमेह में यह बेहद असरकारक माना जाता है। मधुमेह में एक चौथाई कप करेले का रस, उतने ही गाजर के रस के साथ पीने पर लाभ मिलता है।

बवासीर में-

खूनी बवासीर में करेला अत्यंत लाभदायक है। एक चम्मच करेले के रस में आधा चम्मच शक्कर लिाकर पीने से इसमें आराम होता है।

गठिया में-

गठिया व हाथ पैरों में जलन होने पर करेले के रस की मालिश करने से लाभ मिलता है। 

गले की सूजन में-

गले की सूजन की परेशानी में सूखे करेला को सिरके में पीस लें। इसे गर्म करके लेप करें। इससे गले की सूजन ठीक हो जाती है।

चोट के दर्द से राहत में-

यदि किसी को चोट लगने के कारण अधिक गहरा घाव हो गया हो तो उन्हें अपनी नियमित डायट में कम से कम एक समय करेला जरूर खाना चाहिए। इससे आपको घाव जल्दी भरने में मदद मिलेगी। साथ ही घाव में किसी तरह का इंफेक्शन भी नहीं होगा। 

किडनी की समस्याओं में-

किडनी की समस्याओं में करेले का उबला पानी व करेले का रस दोनों ही बेहद लाभकारी होते हैं।यह किडनी को सक्रिय कर, हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर करने में मदद करता है।

ह्दय संबंधी समस्याओं में-

ह्दय संबंधी समस्याओं के लिए करेला एक बहुत ही अच्छा इलाज है। यह हानिकारक वसा को ह्दय की धमनियों में जमने नहीं देता जिससे रक्तसंचार व्यवस्थित बना रहता है,जिससे हार्ट अटैक की संभावना नहीं होती है। 

त्वचा रोगों में-

नींबू के रस के साथ करेले के रस को चेहरे पर लगाने से मुंहासे ठीक हो जाते हैं और त्वचा रोग नहीं होते। 

करेला खाने का सही तरीका-

करेला को हम सब्जी के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। 

करेला का जूस निकालकर 10-10 ml सुबह-शाम पी सकते हैं 

किन किन को करेला का सेवन नहीं करना चाहिए? 

अब तक आपने जाना कि, करेला कैसे, और कितने तरीके से शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता है। अब यह जानना भी बहुत जरूरी है कि किन लोगों को करेला का सेवन नहीं करना चाहिएः-

लो ब्लडशुगर लेवल से पीड़ित रोगियों, एवं बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

करेला के बीज में कुछ नुकसानदेह पदार्थ भी होते हैं, जिससे गर्भपात होने की संभावना रहती है। इसलिए लगातार करेले का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 

 

Disclaimer:  इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। ibmnews24 इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले इससे संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करे।

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