
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानि (EPFO) कर्मचारियों की सैलरी लिमिट में इजाफा करने की तैयारी हो गई है। EPFO सोशल सिक्योरिटी स्कीम के तहत खाताधारकों के लिए सैलरी लिमिट को को इस महीने बढ़ाकर 25000 रुपए तक की जा सकती है।
जाने पहले क्या थी लिमिट -
मौजूदा समय में EPFO खाते के लिए सैलरी लिमिट 15000 रुपए महीना थी जिसे अब बढ़ाने का एलान हो चुका है। यह लिमिट सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से वेतन में हुए इजाफे के बाद बढ़ाई जा रही है। ऐसा इसलिए भी करना जरूरी हो गया था कि EPFO को सरकारी नौकरियों में सैलरी इजाफे के बाद निजी क्षेत्र केकई सेक्टर्स में भी सैलरी में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है।
गौरतलब है कि इस फैसले से EPFO के खाताधारकों में 1 करोड़ और लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। फिलहाल EPFO के तहत देशभर में 8.5 करोड़ कर्मचारी सरकार की सरकारी योजनाओं का लाम उठा रहे हैं।
आइये जानते क्या है EPFO स्कीम -
- यह केन्द्र सरकार की नौकरी-पेशा लोगों के लिए सोशल सिक्योरिटी स्कीम है।
- पीएफ की राशि देना अनिवार्य है आपकी सैलरी 15000 रुपये प्रति माह है तो इस स्कीम में शामिल होना आपके लिए अनिवार्य है।
- आप यदि नौकरी करते हैं तो आपकी कंपनी आपकी सैलरी से एक हिस्सा काटकर आपके ईपीएफ खाते में डाल देती है।
कर्मचारी को मिलता है EPF खाता नंबर -
इस पैसे को केन्द्र सरकार के इस फंड में डाल दिया जाता है और जरूरत के वक्त ब्याज सहित इस पैसे का आप इस्तेमाल कर सकते हैं। आपकी कंपनी आपको ईपीएफ अकाउंट नंबर देती है। यह अकाउंट नंबर भी आपके लिए बैंक अकाउंट की तरह है क्योंकि इसमें आपके भविष्य के लिए आपका पैसा पड़ा है।
केंद्र सरकार पर पड़ेगा अतिरिक्त भार -
EPFO के मुताबिक सैलरी लिमिट में इजाफे से नए खाताधारक जुड़ने के बाद केन्द्र सरकार पर लगभग 2700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
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