चीन में एक अहम संवैधानिक संशोधन हुआ है। चीन के शीर्ष नेताओं में एक देंग शियोपिंग ने चीन में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए अधिकतम दो कार्यकाल यानी 10 साल तक सत्ता में रहने की सीमा निर्धारित की थी, जिसे अब खत्म कर दिया है। इस संशोधन के बाद शी जिनपिंग के आजीवन राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि इन सबके पीछे एक शख्स का दिमाग है जिसने शी जिनपिंग को आजीवन राष्ट्रपति बना दिया। इन सबके पीछे वांग हुनिंग का दिमाग माना जा रहा है। प्रोफेसर से राजनीतिक शख्सियत बने वांग ने पिछले दो राष्ट्रपतियों को भी गाइड किया था। वांग ने पूर्व राष्ट्रपति जियांग जेमिन के 'थ्योरी ऑफ थ्री रिप्रजेंट्स' और हू जिन्ताओ के 'विकास के वैज्ञानिक सिद्धांत' का मसौदा तैयार किया।
अमित शाह के रूप में जाने जाते हैं
वांग अब चीन के अमित शाह के रूप में जाने जाते हैं। अखबार के एक लेख में, दिल्ली में चीनी अध्ययन संस्थान के जेबिन टी. जैकब का कहना है कि वांग,शी जिनपिंग के लिए बहुत खास हैं जैसे नरेंद्र मोदी के लिए अमित शाह। जैकब ने लिखा है कि - अगर शाह का काम मोदी को चुनावी गणित करने में मदद करना है और चुनाव जीतने के लिए रणनीतियों को तैयार करना है, तो वांग का काम है कि वो जिनपिंग के लिए एक बेहतर माहौल तैयार करे जो उन्हें मदद कर सके। जैकब ने लिखा है कि - अगर मोदी और शाह एक साथ एक राजनीतिक दल बन गए हैं अन्यथा धार्मिक उग्रवाद और कारोबारी हितों के साथ नई प्रौद्योगिकियों के आधार पर डिजिटल भारत, स्मार्ट शहरों, आधार का विस्तार कर रहे हैं तो शी और वांग के मातहत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) में एक समान बदलाव हो रहा है।
फूडान विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे वांग ने चीन को 'सॉफ्ट पावर' की अवधारणा का अनुवाद पेश किया है। एक शैक्षणिक के रूप में, वांग ने 'नव-सत्तावादीवाद' के बारे में लिखा था जिसके द्वारा उन्होंने राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास संदेश दिया था।
नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Twitter, व Google News पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।