
Chhangur Baba Case: उत्तर प्रदेश एटीएस की पूछताछ में धर्मांतरण गिरोह के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। एटीएस रिमांड के पहले दिन ही दोनों ने स्वीकार किया कि वे पिछले 15 वर्षों से अवैध धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल थे। छांगुर बाबा का मकसद हिंदू आबादी को घटाकर भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना था। पूछताछ में यह भी सामने आया कि उसके देश-विदेश में कई संपर्क हैं।
एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, छांगुर बाबा ने देश के अलग-अलग आठ बैंकों में अपने नाम पर खाते खुलवाए थे, जिनमें से एक बैंक ऑफ बड़ौदा भी शामिल है। इन खातों की जांच के दौरान करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेन-देन की जानकारी मिली है। इसके अलावा, उसने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की नेपाल सीमा से सटे इलाकों में करोड़ों की संपत्तियां खरीदी थीं। कुछ संपत्तियों के दस्तावेज भी फर्जी पाए गए हैं।
छांगुर बाबा ने अपने प्रभाव क्षेत्र में लव जिहाद में शामिल युवकों को इनाम देने और उन्हें प्रशिक्षण देने की भी बात कबूल की है। वह अपनी आलीशान कोठी में युवकों को लड़कियों को फंसाने और धर्मांतरण के तरीके सिखाया करता था।
गौरतलब है कि बलरामपुर निवासी वसीउद्दीन चौधरी ने वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर छांगुर बाबा और नागपुर के भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ से जुड़े ईदुल इस्लाम आसी की शिकायत की थी। शिकायत के अनुसार, ईदुल ने छांगुर बाबा को यूपी में अपने संगठन का प्रमुख नियुक्त किया था। इसी संगठन के माध्यम से छांगुर का नेटवर्क फैला हुआ था।
उल्लेखनीय है कि वसीउद्दीन वही व्यक्ति हैं जिन्होंने नीतू उर्फ नसरीन की विवादित इमारत का निर्माण कराया था, जिसे हाल ही में प्रशासन ने गिरा दिया। इसी विवाद के बाद छांगुर और नीतू के खिलाफ कार्रवाई की गई और मामले की जांच का दायरा बढ़ाया गया।
ATS अधिकारियों का कहना है कि छांगुर और नीतू से पूछताछ का सिलसिला जारी है। आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। एजेंसियां अब उनके नेटवर्क, आर्थिक स्रोतों और विदेशी संबंधों की भी गहन जांच कर रही हैं।
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