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पाकिस्तान में बड़ा आतंकी हमला, पहचान पूछकर 9 यात्रियों की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाते हुए भीषण आतंकी हमला हुआ है। झोब इलाके में बंदूकधारियों ने एक बस को रोककर उसमें सवार यात्रियों से पहचान पूछी और 9 लोगों को गोलियों से भून डाला।

पाकिस्तान में बड़ा आतंकी हमला, पहचान पूछकर 9 यात्रियों की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाते हुए भीषण आतंकी हमला हुआ है। झोब इलाके में बंदूकधारियों ने एक बस को रोककर उसमें सवार यात्रियों से पहचान पूछी और 9 लोगों को गोलियों से भून डाला। सभी मृतक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से थे और क्वेटा से लाहौर जा रहे थे।

घटना का विवरण:

  • स्थान: झोब, बलूचिस्तान (नेशनल हाईवे)
  • बस का रूट: क्वेटा → लाहौर
  • हमलावरों की कार्रवाई:
    • बस रोकी
    • यात्रियों को नीचे उतारा
    • पहचान पूछी
    • 9 को चुनकर गोली मारी
  • मृतक: सभी पंजाब से
  • शव भेजे गए: पोस्टमार्टम के लिए

क्यों है बलूचिस्तान इतना अशांत?

  • बलूचिस्तान में लंबे समय से सांप्रदायिक और अलगाववादी हिंसा चल रही है।
  • बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे संगठन पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ सक्रिय हैं।
  • राज्य में पाकिस्तान सरकार की सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक दमन नीति के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

अभी तक किसी संगठन ने ली जिम्मेदारी नहीं

  • हालांकि, बलोच संगठनों पर पहले भी ऐसे हमलों के आरोप लगे हैं।
  • सरकारी प्रवक्ता शाहिद रिंद ने इसे आतंकी घटना करार देते हुए कहा:
     

“आतंकियों ने यात्रियों को उतारकर उनकी पहचान पूछी और 9 मासूमों की हत्या कर दी।”

इससे पहले क्या हुआ था?

  • मार्च 2025: बलूच लिबरेशन आर्मी ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया था, जिसमें 400 से अधिक लोग सवार थे।
  • पेशावर, क्वेटा और मस्तुंग में हाल ही में कई आतंकी गतिविधियां सामने आई हैं।

सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया:

  • रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ अन्य हमलों को सुरक्षाबलों ने नाकाम किया है।
  • लेकिन लगातार हो रहे हमलों ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा पर फिर से गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में यह हमला केवल आतंरिक अस्थिरता को नहीं दर्शाता, बल्कि यह भी संकेत देता है कि सरकार नागरिकों की रक्षा करने में असफल हो रही है।
सांप्रदायिक पहचान के आधार पर की गई हत्या पाकिस्तान में बढ़ते विभाजन और हिंसा की एक खतरनाक मिसाल बन रही है। यह सवाल अब और गंभीर होता जा रहा है — क्या पाकिस्तान अपने ही नागरिकों की सुरक्षा करने में सक्षम है?

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