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Guru Purnima 2021: बुद्ध के मार्ग पर चलकर कर सकते हैं हर चुनौती का सामना- पीएम मोदी

आज यानी 24 जुलाई को पूरे देश मे आषाढ़ मास की पूर्णिमा और धम्म चक्र दिवस मनाया जा रहा है। आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था।

Guru Purnima 2021:  बुद्ध के मार्ग पर चलकर कर सकते हैं हर चुनौती का सामना- पीएम मोदी

Guru Purnima 2021: बुद्ध के मार्ग पर चलकर कर सकते हैं हर चुनौती का सामना- पीएम मोदी

आज यानी 24 जुलाई को पूरे देश मे आषाढ़ मास की पूर्णिमा और धम्म चक्र दिवस मनाया जा रहा है। आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था। इस पर आज पीएम मोदी ने पूरे भारत को संबोधित किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) शनिवार को यानी आज आषाढ़ पूर्णिमा और धम्म चक्र दिवस के मौके पर देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, आज हम गुरु-पूर्णिमा मनाते हैं और आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था। हमारे यहां कहा गया है कि जहां ज्ञान है, वहीं पूर्णता है। इससे पहले गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से अपना संदेश लोगों तक पहुंचाया।

प्रधानमंत्री के संबोधन में कोरोना महामारी का भी जिक्र था। उन्होंने कहा कि बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं, भारत ने ये करके दिखाया है।आज कोरोना महामारी के रूप में मानवता के सामने वैसा ही संकट है जब भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं.प्रधानमंत्री मोदी ने इस बारे में ट्वीट कर भी जानकारी दी। 

बुद्ध के मार्ग पर चलकर कर सकते हैं चुनौती का सामना 

बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं, भारत ने ये करके दिखाया है। पीएम मोदी ने कहा, ‘सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था। उन्होंने दुःख के बारे में बताया, दुःख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि दुःखों से जीता जा सकता है और इस जीत का रास्ता भी बताया। 

क्या है आषाढ़ मास की पूर्णिमा का महत्व? 

भारत में आषाढ़ मास की पूर्णिमा का एक विशेष महत्व है। यह पूर्णिमा इस बार 24 जुलाई मनाई जा रही है। जिसे गुरु पूर्ण‍िमा के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें ​कि यह दिन अहम इस वजह से भी है क्योंकि इसी दिन ही वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। वेदव्यास ने मानव सभ्‍यता को चारों वेदों का ज्ञान दिया। इसके साथ ही पुराणों की रचना की थी। यह खास दिन गुरु के लिए समर्पित है। इस दिन गुरु की पूजा की जाती है। भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय इस खास दिन को धम्‍म चक्र दिवस के रूप में भी मनाता है। इसके सथ ही भारत ही नहीं पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म को मानने वाले इस दिन को धर्म चक्र प्रवर्तन या ‘धर्म के चक्र के घूमने’ के दिप के रूप में मनाते हैं। इस दिन को बौद्ध और हिंदू में अपने गुरु के प्रति सम्मान जताने के रूप में मनाते हैं।

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