
वर्ष 2014 के चुनाव से पहले शायद ही किसी को इस बात का अंदाजा होगा कि देश के इतिहास में पहली बार कांग्रेस के अलावा कोई राजनीतिक दल होगा जो पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर सकता है। लेकिन इस सपने को हकीकत में बदलने वाले वो नरेंद्र मोदी ही है, जिन्होंने अपने मैराथन चुनावी रैलियों और जबरदस्त भाषण की बदौलत देश की जनता का रुख BJP की ओर मोड़ सके और 10 साल से सत्ता पर काबिज कांग्रेस की सरकार से बाहर कर दिया । बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 4 साल के कार्यकाल में उन्होंने अपनी तमाम बड़ी योजनाओं और नीतियों की बदौलत सुर्खियां में छाए रहें।
आजाद भारत में जन्मे पहले प्रधानमंत्री मोदी -
विरल ही लोग ही इस बारे में जानते होंगे कि नरेंद्र मोदी एक ऐसे भी दौर से गुजरे हैं जब वह घर परिवार को छोड़ हिमालय चले गए थे और कभी वापस नहीं आना चाहते थे। नरेंद्र मोदी आजाद भारत में जन्म लेने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी 67 वर्ष के हो जाएंगे। ऐसे में आइए डालते हैं PM मोदी के जीवन के कुछ ऐसे अनकहे किस्सों के बारे में जिसे शायद ही लोग जानते हो।
सन्यासी बनना चाहते थे नरेंद्र मोदी -
राजनीति की दुनिया में कदम रखने से पहले प्रधानमंत्री मोदी हिमालय चले गए थे और यहां तकरीबन 2 वर्ष तक बिताये, इस दौरान वह यहां रामकृष्ण मिशन में मोंक की तरह अपना जीवन व्यतीत करना चाहते थे। अध्यात्म की ओर नरेंद्र मोदी का बचपन से ही काफी झुकाव था, इसी वजह से उन्होंने बाल अवस्था में अपना घर छोड़ दिया था और 2 वर्ष तक यहां योगी साधुओं के साथ समय बिताया और हिंदुत्व की पढ़ाई की। तकरीबन 2 वर्ष तक बतौर सन्यासी पहाड़ में समय बिताने वाले PM मोदी के लिए यह समय उनके जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आया। बाद में नरेंद्र मोदी ने महज 17 वर्ष की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था और वह उन्होंने देश भ्रमण का फैसला लिया। मोदी के इस फैसले ने उनके पूरे जीवन को बदलकर रख दिया, इस दौरान वह तमाम अलग-अलग जगहों पर गए और अलग-अलग संस्कृति, बोली और भाषा के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने हिमालय में 2 वर्ष तक बतौर सन्यासी अपना जीवन व्यतीत किया। हिमालय में बिताया गए समय ने मोदी के मस्तिष्क पर अध्यात्म की गहरी छाप छोड़ी थी।
भारत-पाक युद्ध के दौरान सैनिको की मदद -
नरेंद्र मोदी को बचपन से ही देश के प्रति काफी लगाव था और वह सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते थे। नरेंद्र मोदी जामनगर स्थित सैनिक स्कूल में पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वह यहां दाखिला नहीं ले सके और उनका यह सपना अधूरा रह गया। लेकिन 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान मोदी ने रेलवे स्टेशन पर तमाम सैनिकों को उनकी यात्रा में काफी मदद की थी।
हिंदी और काम से जबरदस्त लगाव -
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काम करने रुझान को लेकर अक्सर सोशल मीडिया पर चर्चा होती है। बतौर प्रधानमंत्री PM मोदी ने एक दिन भी छुट्टी नहीं ली और वह हर रोज सिर्फ पांच घंटे की ही नींद लेते हैं। यही नहीं बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 वर्षों में एक भी छुट्टी नहीं ली। इसके साथ ही पीएम मोदी को हिंदी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता है। PM मोदी तमाम सरकारी दस्तावेज हों या किसी भी तरह के दस्तावेज हर जगह हिंदी में ही हस्ताक्षर करते हैं।
जबरदस्त व्यक्तित्व के पीछे अमेरिका से किए हए कोर्स की बड़ी भूमिका-
PM मोदी अपनी भाषण शैली और जबरदस्त व्यक्तित्व के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं। उन्हें दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं की लिस्ट में शामिल किया जाता है। सोशल मीडिया पर उनके फॉलोवर की संख्या उनकी लोकप्रियता की मिशाल ही है। PM मोदी ने अमेरिका में 3 महीने तक इमेज मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशंस का कोर्स किया था, जहां उन्हें नेतृत्व की बारीकियों से अध्ययन कराया गया, जिसकी बदौलत PM मोदी के आज करोड़ो फॉलोवर्स हैं।
बतौर फैशन आइकन -
PM मोदी अपने फैशल स्टाइल के लिए भी जाने जाते हैं। कई वर्ष पहले जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं बने थे तो उन्होंने खुद इस बात की स्वीकार किया था कि उन्हें साफ सुधरे कपड़े पहनना और खुद को अच्छे से रखना पसंद है। PM मोदी अपनी पोशाक को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। लेकिन कम ही लोगों को पता है कि PM मोदी के कपड़ों पर क्रीज नहीं होती है। PM मोदी के कुर्ता से लेकर सूट तक कहीं भी किसी भी तरह की कोई क्रीज नहीं होती है।
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