
नई दिल्ली. साउथ अफ्रीका के साथ टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ करने के मामले में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ और ओपनर कैमरन बैनक्रॉफ्ट को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की ओर से दी गई सजा पर लंबे समय तक भारत के लिए खेले स्पिनर गेंदबाज हरभजन सिंह ने कहा है कि दूसरी टीमों को इस तरह के मामलों में बहुत ज्यादा सजा आईसीसी देती रही है लेकिन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को बेहद कम सजा दी गई।
आईसीसी ने बॉल टैंपरिंग मामले में आईसीसी ने स्टीव स्मिथ को एक टेस्ट मैच के लिए बैन किया है और पूरी मैच फीस का जुर्माना लगाया है। ऑस्ट्रेलिया के ओपनर बल्लेबाज कैमरन बैनक्रॉफ्ट पर मैच फीस का 75 फीसदी जुर्माना लगाया है। इस सजा पर हरभजन ने ट्वीट किया- 'वाह आईसीसी। अच्छा ट्रीटमेंट और फेयर प्ले। बैनक्रॉफ्ट के खिलाफ सारे सबूत हैं, लेकिन उनपर प्रतिबंध नहीं लगाया गया जबकि हम 6 खिलाड़ियों को बिना किसी सबूत के 2001 में दक्षिण अफ्रीका में प्रतिबंधित कर दिया गया था। भज्जी ने 2008 में सायमंड्स के साथ अपनी बहस का जिक्र करते हुए कहा कि सिडनी 2008 याद है? दोषी नहीं पाया गया था, इसके बावजूद 3 मैचों के लिए बैन किया गया। अलग लोग और अलग नियम।'
हरभजन ने भारतीय खिलाड़ियों के बैन होने से जुड़े इन टेस्टों का जिक्र किरते हुए बताया कि 2001 के दक्षिण अफ्रीका टेस्ट में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, शिवसुंदर दास, दीपदास गुप्ता और हरभजन पर मैच रेफरी माइक डेनिस ने विभिन्न अपराधों में कम से कम एक टेस्ट का प्रतिबंध लगाया था। 2008 के सिडनी टेस्ट में एंड्रयू साइमंडस के खिलाफ कथित नस्लीय टिप्पणी के कारण उन पर तीन टेस्ट का प्रतिबंध लगाया गया था।
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