
पाकिस्तान में 25 जुलाई को हुए चुनावों में सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाले पूर्व क्रिकेटर व पीटीआई पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद पर शपथ ग्रहण की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण मिलने की सुगबुगाहट के बीच भारतीय खेमे ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। संकेत मिल रहे हैं कि यदि औपचारिक न्यौता मिला तो प्रधानमंत्री मोदी या उनकी जगह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज नहीं जाएंगे। इसके बजाय प्रतीकात्मक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर या वीके सिंह को भेजा जा सकता है।
हालांकि विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय फिलहाल इस मुद्दे के राजनीतिक और कूटनीतिक नफा नुकसान की समीक्षा कर रहे हैं। निमंत्रण के सवाल पर उच्च पदस्थ सरकारी सूत्रों ने बताया कि कूटनीति में कभी भी मैदान खाली नहीं छोड़ा जाता।हालांकि पीएम मोदी ने फोन पर इमरान को बधाई संदेश दिया और उधर से भी सकारात्मक जवाब मिला। लेकिन पिछले चार साल में पठानकोट आतंकी हमले और खासतौर पर अगस्त 2016 में सार्क देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन में राजनाथ के साथ हुए व्यवहार के बाद दोनों देशों के रिश्ते काफी निम्न स्तर व तनावपूर्ण चल रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि सरकार आमंत्रण पर कोई भी फैसला लेने से पहले घरेलू माहौल भी परखेगी, जो मौजूदा समय में पाकिस्तान विरोधी है। ऐसे में पाकिस्तान जाने पर अगले साल होने वाले चुनाव पर होने वाले सर को भी ध्यान में रखा जाएगा। इन हालात न्यौता मिलने पर पीएम मोदी के प्रतिनिधि भेजने की ही संभावना अधिक है।
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