होम बोहरा समुदाय की महिलाओ की मांग, खतना के मुद्दे को चुनावी घोषणापत्र में शामिल करें राजनीतिक दल

मुद्दा

बोहरा समुदाय की महिलाओ की मांग, खतना के मुद्दे को चुनावी घोषणापत्र में शामिल करें राजनीतिक दल

महिलाओं के खतना की प्रथा को खत्म करने के लिए बोहरा समुदाय की महिलाओं के एक समूह ने बुधवार को राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे समुदाय में प्रचलित इस मुद्दे को अपने चुनावी घोषणापत्रों में शामिल करें।

बोहरा समुदाय की महिलाओ की मांग, खतना के मुद्दे को चुनावी घोषणापत्र में शामिल करें राजनीतिक दल

महिलाओं के खतना की प्रथा को खत्म करने के लिए बोहरा समुदाय की महिलाओं के एक समूह ने बुधवार को राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे समुदाय में प्रचलित इस मुद्दे को अपने चुनावी घोषणापत्रों में शामिल करें। 

महिला खतना की शिकार हुई महिलाओं के निजी संगठन ‘वीस्पीकआउट’ की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘तमाम राजनीतिक दल महिला अधिकारों और कन्या शिशु की जीवन रक्षा की बात करते हैं। हम उनसे पूछना चाहते हैं कि महिला खतना पर उनका रूख क्या है? क्या वे इसे खत्म करेंगे? क्या वह इस पर प्रतिबंध का समर्थन करेंगे। यदि हां, वह हमारा वोट पाने के अधिकारी हैं।’’

एक बयान में आया कि इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में यह मुद्दा राजनीतिक दलों के घोषणापत्र का हिस्सा होना चाहिए।  महिला खतना पीड़ित और वीस्पीकआउट की सदस्य मासूमा रानाल्वी का कहना है कि इस साल जब देश में चुनाव होने हैं, वे चाहती हैं कि भारत के सभी नेता बोहरा महिलाओं की अपील सुनें और महिला खतना समाप्त करने के लिए कदम उठाएं। वह कहती है कि राजनीतिक दलों को कन्याओं के सम्मान की रक्षा के प्रति और संवेदनशील तथा जवाबदेह होने की जरूरत है। महिला खतना उनके एजेंडे का हिस्सा होना चाहिए।

बता दें कि महिला खतना के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर महिलाओं ने यह आवाज उठाई है। यह हर साल यह दिन 6 फरवरी को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने इस प्रथा/परंपरा को मानवाधिकार हनन की श्रेणी में रखा है। 

नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Twitter, व Google News पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।

Most Popular

(Last 14 days)

Facebook

To Top