
अफ्रीका के किंबर्ले में दूसरे वनडे मैच में दक्षिण अफ्रीका की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया । शुरुआत में लगा कि टीम इंडिया यहां बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर पाएगी, लेकिन सलामी बल्लेबाज के रूप स्मृति मंधाना ने एक बार फिर से शानदार पारी खेलकर न सिर्फ अपनी टीम को शानदार स्कोर तक पहुंचाया, बल्कि अपने नाम भी एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज कर लिया।
स्मृति 129 बॉल में 135 रन बनाकर आउट हुईं। इससे पहले टीम इंडिया को 56 रनों पर पहला झटका लगा। पूनम राउत 20 रन बनाकर आउट हो गईं। इसके बाद कप्तान मिताली राज भी ज्यादा बड़ी पारी नहीं खेल पाईं। वह 20 रन बनाकर आउट हो गईं। इसके बाद स्मृति और हरमनीप्रीत कौर ने तीसरे विकेट के लिए 134 रनों की साझेदारी कर टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया।
स्मृति ने 129 बॉल में 14 चौकों और 1 छक्के की मदद से 135 रनों की पारी खेली। अब वह भारत की अकेली ऐसी महिला खिलाड़ी हो गई हैं, जिन्होंने तीन अलग अलग देशों में उनके खिलाफ शतक बनाए हैं। इससे पहले स्मृति इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी शतक बना चुकी हैं। स्मृति के शतक के बाद हरमनप्रीत कौर और वी कृष्णमूर्ति ने धमाकेदार पारियां खेलते हुए अपनी टीम का स्कोर 300 के पार पहुंचा दिया। हरमन ने 69 बॉल में 55 रन बनाए तो कृष्णामूर्ति ने 33 बॉल में ही 51 रन ठोक डाले। इस पारी में उन्होंने 6 चौके और 1 छक्का लगाया।
भारत की ओपनिंग बल्लेबाज स्मृति मंधाना की अटैकिंग बल्लेबाजी और तकनीक को देखकर लोग उनकी तुलना वीरेंद्र सहवाग और रोहित शर्मा से भी लगे हैं। ऐसे में वीरेंद्र सहवाग ने खुद कहा था- कि स्मृति किसी वीरेंद्र सहवाग की तरह नहीं है। वह देश की पहली स्मृति हैं और वे बहुत अच्छा भी कर रही हैं। स्मृति ने एक इंटव्यू में कहा था कि उन्हें बचपने से अखबार में अपना नाम छपवाने का बड़ा शौक था। स्मृति को यह पता था कि अगर अखबार में नाम छपवाने का कोई जरिया है तो वो है क्रिकेट। फिर क्या था स्मृति ने क्रिकेट को अपना जूनुन बना लिया और आज पूरी दुनिया स्मृति के बल्लेबाजी की कायल है।17 साल की उम्र में वेस्ट जोन के लिए खेलते हुए स्मृति ने अंडर-19 में दोहरा शतक जड़ कर तहलका मचा दिया था ।
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