‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना को लागू करने के संबंध में केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के दावे को भ्रामक बताया।
‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना को लागू करने के संबंध में केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के दावे को भ्रामक बताया है।और ये भी बताया कि दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भी गुमराह किया है। केंद्र के मुताबिक, देश की 86 प्रतिशत आबादी को योजना के तहत लाया गया है। अब तक चार राज्यों- असम, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और दिल्ली को छोड़कर सभी राज्य इससे जुड़ चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा सभी राज्यों में ‘वन नेशन वन राशन कार्ड योजना’ लागू होनी चाहिए।
आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों का पलायन रोकने व उनके पुनर्वास व मदद संबंधी मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान 11 जून को अदालत ने कहा था कि सभी राज्यों को ‘वन नेशन वन राशन कार्ड योजना’ लागू करनी चाहिए। कोर्ट ने केंद्र सरकार से सभी राज्यों को योजना से जोड़ने के मुद्दे पर जवाब मांगा था। सिर्फ सीमापुरी सर्कल में लागू की गयी है ‘वन नेशन वन राशन कार्ड योजना’ केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है। इसमें बताया है, ‘दिल्ली सरकार ने यह योजना सिर्फ सीमापुरी सर्कल में लागू की है। जबकि इस योजना को तब तक पूरा लागू नहीं माना जा सकता, जब तक केंद्र द्वारा दी गई दो हजार ईपीओएस मशीनों के जरिए पूरे राज्य में राशन वितरण न होने लगे। यही नहीं, दिल्ली सरकार ने अलग-अलग तरह की श्रेणी के राशन कार्ड का विवरण भी केंद्र सरकार के पोर्टल पर साझा नहीं किया है। इससे दिल्ली में रह रहे हजारों प्रवासी मजदूरों को केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे सब्सिडी वाले खाद्यान्न कोटे का लाभ नहीं मिल पा रहा है।’
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