
बलरामपुर: धर्मांतरण के मामलों में घिरे छांगुर बाबा के खिलाफ अब प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। उतरौला तहसील क्षेत्र के मधपुर गांव में स्थित उनकी आलीशान हवेलीनुमा कोठी को अवैध कब्जे पर बनाया गया बताया गया है, जिस पर अब बुलडोजर चलने की तैयारी है। जिला प्रशासन ने मौके पर नोटिस चस्पा कर सात दिन के भीतर कब्जा हटाने का अल्टीमेटम दिया है।
अवैध कब्जे पर बना साम्राज्य
प्रशासन के अनुसार, यह कोठी गाटा संख्या 337/370 की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करके बनाई गई है। जमीन का नाम नीतू नवीन अरोड़ा के नाम पर दर्ज है। इसी आधार पर तहसीलदार उतरौला के न्यायालय ने 15 मई 2025 को आदेश जारी किया था, जिसमें एक सप्ताह में कब्जा हटाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद 26 मई और 6 जून को भी चेतावनी नोटिस दिए गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पैमाइश रोकने को बहू ने किया विरोध
सोमवार को प्रशासनिक टीम भारी पुलिस बल के साथ कोठी की पैमाइश करने पहुंची, लेकिन वहां मौजूद छांगुर बाबा की बहू और 25–30 अन्य लोगों ने मुख्य गेट नहीं खोलने दिया और विरोध शुरू कर दिया। इसके चलते नाप-जोख नहीं हो पाई। स्थिति को देखते हुए टीम को बिना कार्रवाई के लौटना पड़ा, लेकिन कोठी की दीवारों पर सात दिन में अतिक्रमण हटाने का नोटिस चस्पा कर दिया गया।
प्रशासन सख्त, कार्रवाई तय
नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि अगर एक सप्ताह में कब्जा नहीं हटाया गया, तो प्रशासन स्वतः ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा, नवीन रोहरा और नीतू रोहरा इसी कोठी से अपने नेटवर्क को संचालित करते थे। धर्मांतरण के संगीन आरोपों के बाद से प्रशासन ने इनके खिलाफ सख्ती बढ़ा दी है।
क्या हो सकता है आगे?
अब सबकी निगाहें प्रशासन की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं। अगर निर्धारित समय में अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो जल्द ही बुलडोजर की कार्रवाई शुरू हो सकती है। ऐसे में छांगुर बाबा की कोठी पर प्रशासनिक हथौड़े की गूंज सुनाई देना तय माना जा रहा है।
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