
India-Russia News: भारत और रूस के बीच बहुप्रतीक्षित कामोव-226T हेलिकॉप्टर प्रोजेक्ट अब गहरे संकट में फंस गया है। रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों की वजह से यह रक्षा साझेदारी रुक गई है। ऐसे में भारत द्वारा अपनी सेना और वायुसेना के लिए 200 हल्के हेलिकॉप्टर खरीदने की योजना फिलहाल अधूरी रह गई है।
क्या है प्रोजेक्ट?
- 2015 में भारत-रूस के बीच अंतर-सरकारी समझौता हुआ था।
- इसके तहत एचएएल (HAL) और रूस की कंपनी के बीच इंडो-रूसी हेलिकॉप्टर्स लिमिटेड (IRHL) नाम से ज्वाइंट वेंचर बना।
- योजना थी कि 135 हेलिकॉप्टर सेना के लिए और 65 वायुसेना के लिए भारत में बनाए जाएंगे।
क्यों फंसा प्रोजेक्ट?
- कोविड महामारी ने शुरुआत में काम ठप कर दिया।
- फिर 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया।
- इसके बाद रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे, जिससे उन्हें:
- यूरोप से जरूरी पार्ट्स (जैसे इंजन) नहीं मिल पा रहे।
- हेलिकॉप्टर के लिए जरूरी सिस्टम और कंपोनेंट की आपूर्ति बाधित हो गई।
- अब रूस खुद से इंजन बना कर टेस्ट कर रहा है।
कितना ‘मेक इन इंडिया’?
- रूस 70% स्वदेशीकरण पर सहमत हुआ है, लेकिन उन्हें इसमें समय चाहिए।
- भारत इसपर रूसी पक्ष से कन्फर्मेशन का इंतजार कर रहा है।
भारत का विकल्प: स्वदेशी हेलिकॉप्टर
एचएएल के सीएमडी डीके सुनील के अनुसार, जब तक कामोव प्रोजेक्ट शुरू नहीं होता, HAL अब अपने घरेलू प्रोजेक्ट्स पर फोकस कर रहा है:
- LUH – Light Utility Helicopter
- LCH – Light Combat Helicopter
- IMRH – Indian Multirole Helicopter
HAL की तुमकुरु यूनिट पहले से ही LUH बना रही है। भविष्य में यहीं LCH और IMRH भी बनेगा।
रूस पर युद्ध और प्रतिबंधों की मार के चलते भारत का 200 हेलिकॉप्टरों का प्रोजेक्ट अधर में है। जब तक रूस स्पष्ट स्थिति नहीं देता, भारतीय सेना को अपनी जरूरतें स्वदेशी हेलिकॉप्टर्स से पूरी करनी पड़ेंगी।
यह घटना दिखाती है कि रणनीतिक डिफेंस प्रोजेक्ट्स में आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) क्यों जरूरी है।
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