
मुस्लिम समुदाय में एक साथ तीन तलाक की परंपरा को अपराध घोषित करने से संबंधित बिल बृहस्पतिवार को सदन में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा पेश होगा। इस बिल को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले एक अंतर मंत्रालयी समूह ने तैयार किया है। बिल में एक साथ तीन तलाक अथवा तलाक-ए-बिद्दत को अवैध करार दिया गया है। बिल में मौखिक, लिखित अथवा ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप इत्यादि सभी तरीकों से एक साथ तीन तलाक को अवैध करार दिया गया है और इसके लिए पति को तीन साल की कैद का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय कैबिनेट इस बिल को इस महीने के आरंभ में ही हरी झंडी दे चुकी है।
आपको बता दे कि यह बिल पिछले सप्ताह ही संसद में पेश किया जाना था, लेकिन संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने बाद में मीडिया के सामने बताया कि इसे अंतिम सप्ताह में पेश किया जाएगा। बिल के प्रावधान के अनुसार पति पर जुर्माना भी लगेगा और इसकी राशि तय करने का अधिकार मामले की सुनवाई करने वाले मजिस्ट्रेट को होगी।
सरकार यह बिल इस वजह से ला रही है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक साथ तीन तलाक को गलत करार दिए जाने के बावजूद यह बदस्तूर जारी है। प्रस्तावित कानून एक साथ तीन तलाक के मामले में लागू होगा और यह पीड़िता को अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता हासिल करने के लिए मजिस्ट्रेट से संपर्क करने का अधिकार देगा। इसके साथ ही महिला मामले में अंतिम निर्णय लेने वाले मजिस्ट्रेट से अपने नाबालिग बच्चों को अपने पास रखने का अधिकार मांग सकती है।
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