8 पूर्व सेना प्रमुखों समेत 100 से ज्यादा सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। इस पत्र में इन सैनिकों ने इस बात पर चिंता जताई है कि लोकसभा चुनावों में मिलिट्री के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं। पत्र के मुताबिक हाल ही में जो मिलिट्री ऑपरेशन हुआ है उसका हवाला देकर वोटर्स से वोट की अपील की जा रही है जो बेहद चिंताजनक बात है। गुरुवार से आम चुनावों का पहला दौर शुरू हुआ जब लोकसभा की 543 सीटों में से 91 सीटों के लिए पहले चरण के तहत वोट डाले गए।
'मोदीजी की सेना' कहने पर नाराज हुए सैनिक -
जो पत्र रामनाथ कोविंद को लिखा गया है उसमें लिखा है, "भारत की सेनाओं ने हमेशा मिलिट्री की तुलना में असैन्य नियंत्रण पर लोकतांत्रिक सिद्धांतों को ऊपर रखा है और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए अपनी वफादारी का प्रदर्शन किया।" इस पत्र में पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) एसएफ रॉड्रिग्स और जनरल दीपक कपूर के अलावा पूर्व एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी और पूर्व नौसेना प्रमुख सुरेश मेहता समेत कुछ और सेना प्रमुखों के साइन हैं। सैनिकों ने इस चिट्ठी को देर रात मीडिया को जारी किया जब पहले चरण के मतदान हो गये थे।
पत्र में योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी का जिक्र -
इस पत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस टिप्पणी का जिक्र खासतौर पर है जिसमें उन्होंने सेना को "मोदीजी की सेना" के तौर पर संबोधित किया था। CM योगी ने यह टिप्पणी गाजियाबाद में एक चुनावी रैली के दौरान की थी। पत्र में लिखा है, यह बहुत ही असाधारण है और बिल्कुल भी मंजूर नहीं है कि राजनेता मिलिट्री ऑपरेशंस जैसे सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लें और सेनाओं को "मोदी जी की सेना" कहने लगें। आपको बता दें कि चुनाव आयोग पहले ही CM योगी को आने वाले समय में सतर्क रहने की चेतावनी दे चुका है।
अभिनंदन की तस्वीर पर चुनाव आयोग का सख्त रुख -
चुनाव आयोग ने भी राजनीतिक पार्टियों से अपील की है कि वह विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की फोटोग्राफ का प्रयोग हरगिज नहीं करेंगे जिन्होंने 27 फरवरी को पाकिस्तान का एफ-16 अपने मिग-21 से ढेर किया था। इसके बाद अभिंनदन पाकिस्तान की सीमा में पहुँच गए थे जहां पर पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया था। सैनिकों ने चुनाव प्रचार में उन फोटोग्राफ्स का जिक्र भी किया है जिसमें पार्टी के कार्यकर्ता मिलिट्री यूनिफॉर्म पहने हुए हैं। साथ ही उनके पास अभिनंदन से संवदेना जताने वाले पोस्टर्स और फोटोग्राफ्स भी थीं।
निर्देशों के बाद भी माहौल जस का तस -
सैनिकों ने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि चुनाव आयोग के निर्देश कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। किसी भी दल के बर्ताव में कोई परिवर्तन नजर नहीं आ रहा है। चिट्ठी में यह भी लिखा है कि राजनीतिक दल आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। आशंका जताई गई है कि आने वाले दिनों में इस ट्रेंड में बढ़ती भी नज़र आ सकती है।
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