दक्षिण कोरिया की शीर्ष अदालत ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसले में देश में दशकों से गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आदेश दिया है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।
पीठ ने कहा कि गर्भपात पर प्रतिबंध महिलाओं को अपनी राह चुनने के अधिकार को सीमित करता है। साथ ही यह उनके स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन भी है।
बता दें कि दक्षिण कोरिया में गर्भपात कराना अपराध है जिस पर वहां रोक लगी थी। हालांकि बलात्कार पीड़िताओं रक्त संबंधियों के व्यभिचार की पीड़िताओं और मां के स्वास्थ्य को खतरे में होने की स्थिति में गर्भपात कराने की छूट दी गई है। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, नौ सदस्यीय संविधानिक पीठ ने इस आशय की याचिका की सुनवाई की।
पीठ का मानना था कि साल 1953 में बने इस कानून का उद्देश्य जीवन की रक्षा और पारंपरिक मूल्यों की रक्षा करना है। लेकिन पीठ के सात सदस्यों ने यह भी माना कि यह कानून अब संविधान सम्मत नहीं रहा। उन्होंने अगले साल के अंत तक इस कानून में संशोधन करने का आदेश दिया।
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