पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘दहेजबंदी’ की दिशा में एक बड़ा एलान करते हुए कहा कि प्रदेशवासियों से अनुरोध है कि वे लेन-देन वाली शादियों में शरीक न हो |श्री कुमार ने राजधानी के श्रीकृष्ण मेमोरियल स्मारक भवन में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 126वीं जयंती के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा ‘‘हमें अपने रास्ते से दहेज व्यवस्था को हटाना चाहिए। ऐसे विवाह समारोह में शामिल नहीं हो जहां आपको दहेज के लेन-देन की जानकारी हो।”
उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ भी आवाज बुलंद करते हुए लोगों से इस सामाजिक बुराई को जड़ से उखाड़ फेंकने की बात कही है। उन्होंने यह भी कहा कि बाल विवाह पर सचेत होने की जरुरत हैं क्योंकि कुपोषण का मुख्य कारण बाल विवाह है।
मुख्यमंत्री ने कहा “हम न्याय में यकीन करते हैं। बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान के अनुरूप चलना चाहते हैं। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाना चाहते हैं। शराबबंदी की तरह दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा। हमें बाबा साहेब के सिद्धांत एवं उनके नारे को अपनाना चाहिये। शिक्षित बनो इसके लिये सभी को पढ़ना चाहिये संगठित होना चाहिये ताकि अपनी आवाज को बुलंद कर सके।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माता ने दलित शोषित वंचित समाज और देश में वर्ण व्यवस्था के शिकार रहे सभी तबकों को जगाया। उन्होंने ‘शिक्षित बनो संगठित रहो और संघर्ष’ करो का नारा दिया जो आज भी प्रासंगिक हैं। जब तक लोग शिक्षित नहीं बनेंगे तब तक अपने अधिकार के प्रति जागरूक नहीं होंगे। इसी तरह जब तक लोग संगठित नहीं होंगे अपनी आवाज बुलंद नहीं कर पायेंगे और जब तक संघर्ष नहीं करेंगे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाब नहीं हो पाएंगे ।
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