पटना। बिहार की राजनीतिक में पिछले कुछ दिनों से उठापटक मची हुई है। जिस तरह से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के उपर तमाम भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं कि उसके बाद नीतीश कुमार और लालू की ओर से बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार के महागठबंधन की डोर टूटने की कगार पर है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो इस नूराकुश्ती के बीच नीतीश कुमार ने अपने अन्य विकल्पों को तलाशना शुरू कर दिया है। खुद नीतीश की ओर से इस तरह के संकेत सामने आए हैं कि अगर राष्ट्रीय जनता दल अपना समर्थन वापस लेता है तो नीतीश कुमार अपने प्लान बी के साथ तैयार रहना चाहते हैं। गुरुवार को जब राजनीति अपने चरम पर थी तो नीतीश कुमार ने अपने तमाम प्रवक्ताओं को निर्देश दिए कि वह भाजपा के खिलाफ बयानबाजी नहीं करे, यही नहीं भाजपा की ओर से भी बयानों में बदलाव देखने को मिला, सुशील मोदी ने खुद नीतीश की तारीफ की और बोले के वह भाजपा के साथ हमेशा से ही सहज थे।
राजद के खिलाफ हमलावर जदयू मौजूदा समय में जिस तरह से लालू यादव उनके बेटों पर सीबीआई का शिकंजा कसा है उसने बिहार की राजनीति में उफान ला दिया है। नीतीश कुमार ने अपने नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें यह सवाल खड़ा किया गया कि कैसे तमाम आरोपों के बीच लालू के साथ गठबंधन को आगे जारी रखा जा सकता है। गुरुवार को जदयू के राज्य प्रवक्ता बशिष्ठ नारायण सिंह ने तेजस्वी को याद दिलाया कि भले ही आपकी उम्र 14 वर्ष रही हो लेकिन मामला काफी गंभीर है। आज जदयू के वरिष्ठ नेता अजय आनंद ने कहा कि तेजस्वी यादव को अपने उपर लगे आरोपों पर मीडिया के सामने आकर सफाई देनी होगी। हमारे लिए भ्रष्टाचार बर्दाश्त से बाहर है, इसपर हमारी नीती जीरो टॉलरेंस की है।
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