
भागलपुर: बिहार सरकार अब राज्य की जेलों में बंद सजायाफ्ता कैदियों को रोजगार देने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत, जेलों के आधारभूत ढांचे में श्रमिक के रूप में काम करने वाले कैदियों को मजदूरी दी जाएगी। इस पहल से न केवल कैदियों के जीवन में सुधार होगा, बल्कि उन्हें समाज में पुनः प्रवेश करने से पहले एक नया कौशल भी मिलेगा।
पहला चरण: निर्माण कार्यों में रोजगार
पहले चरण में सजायाफ्ता कैदियों को जेलों में चल रही निर्माण परियोजनाओं में काम दिया जाएगा। ये परियोजनाएं जेल परिसर के भवन निर्माण से संबंधित होंगी, जिनमें कैदियों से विभिन्न श्रमिक कार्य जैसे प्लंबिंग, बढ़ईगीरी, और वायरिंग-फिटिंग का काम लिया जाएगा।
कैदी कल्याण योजना पर विशेष ध्यान
कैदियों के कल्याण की यह योजना जल्द ही लागू की जाएगी, और इसकी तैयारी पूरी तरह से शुरू हो चुकी है। इस संदर्भ में बिहार विधानसभा की उप समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में कैदी कल्याण योजना में योगदान देने की सिफारिश की है।
सजायाफ्ता कैदियों की सूची तैयार
कारा महानिरीक्षक ने सजायाफ्ता कैदियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसमें यह देखा जाएगा कि कौन सा कैदी किस काम में माहिर है। उदाहरण के लिए, कौन कैदी प्लंबिंग, बढ़ईगीरी या वायरिंग का काम जानता है, और कौन काम करने में मेहनती है। इस तरह से प्रत्येक कैदी के कौशल के अनुसार काम दिया जाएगा।
इस पहल से जेलों में न केवल कैदियों को रोजगार मिलेगा, बल्कि यह योजना उनके पुनर्वास में भी मददगार साबित हो सकती है, जिससे वे समाज में लौटने पर बेहतर जीवन जी सकें।
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