
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राम की नैया पार लगाने वाली केवट, निषाद, बिन्द, माझी, कश्यप जातियों को आरक्षण की सुविधा मिलनी चाहिए और भारतीय जनता पार्टी की सरकार यह सुविधा दिलाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है।
योगी ने शुक्रवार को यहां लोक निर्माण विभाग के विश्वेश्वरैया हॉल में आयोजित‘भाजपा-पिछड़ा वर्ग मोर्चा, उत्तर प्रदेश के महाराज कश्यप, निषादराज के वंशजों के सम्मेलन’को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने इस मामले को न्यायालय में लटकाया है। हमारी सरकार द्वारा सामाजिक न्याय समिति का गठन करके यह सुविधा निषाद समाज को दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पूर्व के समय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुड़ और खाण्डसारी उद्योग पर निषाद समाज का वर्चस्व था। समाजवादी पार्टी की सरकार ने मिल मालिकों को लाइसेन्स देना बन्द कर दिया। हमारी सरकार ने फिर से लाइसेन्स देने की व्यवस्था की है। अब गुड़ और खाण्डसारी का नि:शुल्क लाइसेन्स दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निषाद, बिन्द, माझी, कश्यप आदि का सबसे ज्यादा वास्ता नाव से है। बरसात में आप जान जोखिम में डालकर दूसरों के प्राण बचाते हैं। कभी-कभी सांप काटने या नाव पलटने से जनहानि होती है। उनको मुआवजा भी नहीं मिल पाता था। हमारी सरकार ने ऐसी घटनाओं में जनहानि होने पर चार लाख रुपए का मुआवजा देने की व्यवस्था की है। वन्य जीव हमले में भी मुआवजे की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि किसी भी समाज को अपने पूर्वजों, परम्परा, संस्कृति के प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए। निषाद समाज के लोग गौरवशाली हैं कि यह संसार के सबसे प्राचीन जाति हैं। इनका सम्बन्ध मत्स्यावतार से है। निषाद समाज के महाराज गुह्य भगवान श्रीराम के सहयोगी थे। निषाद समाज की परम्परा ने देश, समाज और इतिहास को बहुत कुछ दिया है।
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