जम्मू-कश्मीर के उच्च न्यायालय ने कट्टरवादी नेता मसर्रत आलम से जन सुरक्षा अधिनियम ( पीएसए) खारिज करते हुए उसकी रिहाई के आदेश दिए हैं। मसर्रत पर वर्ष 2008 और 2010 में कश्मीर घाटी में हुए हिंसक प्रदर्शनों के आरोपों के बाद जेल में था और उसे वर्ष 2015 में रिहा किया गया था। लेकिन रिहा होने के एक महीने बाद ही उसे भारत विरोधी रैलियां आयोजित करने के आरोप में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर पीएसए लगाकर उसे जेल भेज दिया गया।
मसर्रत आलम 35वीं बार पीएसए लगाया गया था। उसके वकील ने इसे अदालत में चुनौती दी और शुक्रवार को जस्टिस अराधे की अदालत में सुनवाई के दौरान उन्होंने मसर्रत आलम के पक्ष को सही ठहराते हुए पीएसए खारिज कर दिया। उन्होंने पुलिस को आदेश दिया है कि वो उसे रिहा करे। मसर्रत आलम मौजूदा समय में जम्मू की कोट भलवाल जेल में है।
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