देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अभी से ही कमर कसना शुरू कर दिया है। रविवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में होने वाली मीटिंग में चुनावी रणनीति पर चर्चा की जाएगी। मगर सबसे अहम सवाल यह है कि पार्टी वहां मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ उतरे या नहीं। वैसे दोनों ही फार्मूलों पर चुनाव लडकऱ बीजेपी देख चुकी है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में वह प्रयोग करने के लिए कोई फैसला नहीं करना चाहती। खबरों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष की कमान पिछड़े नेतृत्व के हाथ में दी जाए। राजनाथ सिंह के बाद से राज्य की कमान हमेशा गत नेतृत्व के पास ही रहा है।
ऐसे में एक नाम केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी का हो सकता है जो महिला तो हैं ही, अमेठी से राहुल गांधी को अच्छी टक्कर देकर यह साबित भी कर चुकी हैं कि वे मायावती और अखिलेश यादव को टक्कर दे सकती हैं। दिल्ली और बिहार के नतीजों के बाद इस साल होने वाले चुनावों में भी भाजपा का बहुत कुछ दांव पर नहीं है।
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