लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश में खनन से जुड़े एक मामले में सीबीआई की जांच के दायरे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम भी शामिल किए जाने को लेकर कहा कि यी जा रही अटकलों को भाजपा का चुनावी हथकंडा बताते हुये सोमवार कहा कि सपा प्रमुख को इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
मायावती की ओर से जारी बयान के अनुसार मायावती ने अखिलेश से टेलीफोन पर बात कर कहा ‘‘भाजपा द्वारा इस तरह की घिनौनी राजनीति और इनका चुनावी षडयंत्र कोई नयी बात नहीं है, बल्कि यह उनका पुराना हथकंडा है. इसे देश की जनता अच्छी तरह से समझती है।’’
सपा और बसपा ने मिलकर लगभग 25 साल बाद एक साथ प्रेस कांफ्रेंस साझा किया है इस प्रेस कांफ्रेंस में दोनों पार्टियों ने मिलकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
सपा के रामगोपाल यादव और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि "अभी हमारा गठबंधन हुआ भी नहीं है और भाजपा ने CBI से गठबंधन कर लिया है।"
अखिलेश यादव ने कहा ‘‘यदि उत्तर प्रदेश का कोई मंत्री दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन करता है और CBI जांच के लिये कहता है तो इससे क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है? यह उन पर उल्टा पड़ने जा रहा है। भाजपा को उत्तर प्रदेश में पैर रखने की भी जगह नहीं मिलेगी। प्रधानमंत्री को वाराणसी छोड़ना पड़ेगा और कहीं और से चुनाव लड़ना पड़ेगा।’’
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में खनन से जुड़े एक लंबित मामले में CBI जांच के दायरे में कथित तौर पर अखिलेश सहित अन्य नेताओं के आने की अटकलों के बीच सोमवार को सपा और बसपा ने इस मुद्दे पर अपना विरोध जताते हुये राज्यसभा में हंगामा किया।
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