वाराणसी : कुछ ही महीने से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में चोटी काटने के अफवाहे सुनने को मिल रही हैं। जहाँ वाराणसी सहित आजमगढ़ , चंदौली ,जौनपुर में 100 से ज्यादा सोते समय चोटी कटने के घटनाएं सामने आयी हैं। इस बीच बनारस के चांदपुर और सारनाथ एरिया के लोगों ने चोटी काटने वाले कीड़े को पकड़ने का दावा किया हैं। वहीं पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कीड़े को शीशे के जार में फारेंसिक जांच के लिए भी भेज दिया हैं। ग्रामीणों के अनुसार, चमगादड़ की तरह लगने वाला यह कीड़ा पहले डंक मार कर महिलाओं और युवतियों को बेहोश करता है।
वाराणसी के सारनाथ, पांडेपुर, बलुआ, जंसा, रोहनिया और मंडुवाडीह में रोजाना कई महिलाओं की चोटी काटने की घटना में पीड़ित पाई जा रही हैं जिसके बाद उनसे परिवार के लोग नजदीकी अस्पताओं में भर्ती भी करा रहे हैं। यही नहीं चोटीकटवा से पीड़ित कई महिलाओं की तो मौत भी हो चुकी हैं। हालांकि ये मौते कीड़े के काटने से हुई या फिर उसके सदमे से इसका खुलासा नहीं हुआ हैं। लेकिन इन मौतों के बाद स्थानीय लोगो ने अब रातो में जागना शुरू कर दिया है। इसी दौरान सारनाथ और पांडेपुर के कुछ लोगों ने रात में एक कीड़े को पकड़ा जिसको वो दावा कर रहे हैं कि ये महिलाओं के बाल काटता है। ग्राणीणों ने कीड़े को शीशे के जार में पकड़ कर बंद किया गया और 100 नंबर पर सुचना देकर पुलिस को भी बुलाया गया।
फारेंसिक लैब भेजा गया हैं कीड़े को सारनाथ थाना क्षेत्र को हृदयपुर गांव निवासी गोविन्द राजभर का दावा है कि उसकी पत्नी के बाल पर एक कीड़ा रेंग कर बाल काट रहा था। युवक ने कीड़े को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस के लिए यह संभव नहीं था कि वह कीड़ा देख कर उसकी पहचान कर दे। ऐसे में पुलिस ने कीड़े को फोरेंसिक लैब भेजने की बात कही है। मुंह नोचवा, चोटी कटवा आदि को लेकर समय-समय पर हल्ला मचता रहता है। इसमे कितना सच था और है। यह कोई नहीं जानता है। कभी जब सच से पर्दा उठेगा तब पता चलेगा कि सच्चाई क्या थी।
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