
अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर विश्व हिंदु परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया आज से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे। आपको बता दें कि प्रवीण तोगड़िया ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अपने उपवास में विश्व हिंदु परिषद के नवनिर्मित अध्यक्ष सदाशिव कोकजे को भी शामिल होने का न्योता भेजा हैं।
प्रवीण तोगड़िया ने विश्व हिंदु परिषद के नए अध्यक्ष सदाशिव कोकजे को कहा है कि या तो वह उनके साथ उनके इस उपवास में शामिल हो। या फिर सरकार पर संसद में राम मंदिर निर्माण के लिए विधेयक लाने के लिए दबाव बनाएं।
बता दें कि विहिप के पूर्व नेता प्रवीण तोगडिय़ा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण सहित अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को यहां अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया। हिंदूवादी नेता ने पालदी इलाके में प्रदेश विहिप मुख्यालय के बाहर दोपहर 12 बजे के बाद कुछ हिंदू संतों और समर्थकों के साथ उपवास शुरू किया।
उन्होंने संगठन के अहम चुनाव में अपने प्रत्याशी राघव रेड्डी के हार जाने के बाद गत सप्ताह विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। तोगडिय़ा ने पहले कहा था कि उनकी भूख हड़ताल का मकसद हिंदुओं का कल्याण करना और उनकी मांगों की तरफ ध्यान आकर्षित करना होगा।
इन मांगों में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण , गो वध पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध , समान नागरिक संहित लागू करना और विस्थापित कश्मीरी पंडितों का पुन : स्थापन शामिल हैं। सर्जन से तेजतर्रार नेता बने तोगडिय़ा ने विहिप छोडऩे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला था।
इससे पहले तोगडिय़ा को जीएमडीसी मैदान पर उपवास पर बैठना था लेकिन पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया जिसके बाद विहिप मुख्यालय के बाहर उपवास शुरू किया गया। विहिप के पूर्व नगर अध्यक्ष राजू पटेल ने कहा कि पुलिस ने हमें जीएमडीसी मैदान पर बैठने की अनुमति देने से मना कर दिया इसलिए हमें आयोजन स्थल बदलना पड़ा।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल वीएस कोकजे गत शनिवार को तोगडिय़ा के प्रत्याशी रेड्डी को हराकर विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे जिसके बाद तोगडिय़ा ने दक्षिणपंथी संगठन से इस्तीफा दे दिया था। गुजरात से ताल्लुक रखने वाले और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के तौर पर शुरुआत करने वाले मोदी और तोगडिय़ा के बीच पिछले दशक में खाई गहरी हुई है।
कुछ समय पहले तोगडिय़ा ने एक सनसनीखेज दावा किया था कि राजस्थान पुलिस की टीम यहां उन्हें अगवा करने आई थी और उन्हें डर है कि उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले उनके और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के बीच प्रदेश बीजेपी के भीतर लंबे समय तक चले टकराव के दौरान ऐसा माना जाता है कि तोगडिय़ा ने पटेल का समर्थन किया था।
पूर्व विहिप नेता पटेल समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। तोगडिय़ा ने हाल ही में पाटीदार कोटा आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल से मुलाकात की थी जिन्होंने 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ प्रचार किया था।
नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Twitter, व Google News पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।