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समझें जॉब विज्ञापनों की भाषा

जॉब विज्ञापन देखते ही यदि आप रिज्यूमे भेजने और इंटरव्यू की तैयारी में जुट जाते हैं तो अपनी इस आदत को बदलिए। जॉब विज्ञापनों और उस कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी को ध्यान में रख कर ही अपनी उम्मीदवारी को कंपनी के समक्ष प्रस्तुत करें।

समझें जॉब विज्ञापनों की भाषा

जॉब विज्ञापन देखते ही यदि आप रिज्यूमे भेजने और इंटरव्यू की तैयारी में जुट जाते हैं तो अपनी इस आदत को बदलिए। जॉब विज्ञापनों और उस कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी को ध्यान में रख कर ही अपनी उम्मीदवारी को कंपनी के समक्ष प्रस्तुत करें। रिक्रूटर्स मानते हैं कि जॉब विज्ञापन में दी गई भाषा को समझ कर उम्मीदवार खुद को अधिक बेहतर रूप से प्रस्तुत कर सकते हैं।
जब हम नौकरी के बारे में सोचना शुरू करते हैं तो जो बात सबसे पहले दिमाग में आती है, वह है नियोक्ता को अपना रिज्यूमे भेजना, ताकि इंटरव्यू का बुलावा आ सके। एक ही क्षेत्र की कंपनियां होने के बावजूद कर्मचारियों के संबंध में उनकी मांग में अंतर देखने को मिलता है। ऐसे में एक ही रिज्यूमे को सभी जगह न भेजें। पर रिज्यूमे बनाने से पहले जरूरी है कि आप अपनी मनपसंद नौकरी के विज्ञापन और इसमें दी गई भाषा को अच्छी तरह पढ़-समझ लें।
आमतौर पर विज्ञापन की भाषा यानी एक तरह से रिक्रूटर की मांग पर उम्मीदवार कम ही ध्यान देते हैं और  फटाफट फॉर्म भरने, रिज्यूमे भेजने और इंटरव्यू  की तैयारी में जुट जाते हैं, जिससे कई बड़ी गलतियां हो जाती हैं।
कंपनी की वेबसाइट देखें :  यदि आपको सूचना किसी प्रिंट माध्यम से मिली है तो आपका पहला काम संबंधित संस्था अथवा कंपनी के बारे में ऑनलाइन उपलब्ध जानकारियों को खंगालने का होना चाहिए। फॉर्म भरने से पहले विज्ञापन की भाषा का सूक्ष्म अध्ययन कर लें। करियर काउंसलर जितिन चावला बताते हैं कि 80 से 90 प्रतिशत उम्मीदवार विज्ञापन की भाषा अथवा उस संस्था की जानकारी पाने की कोशिश नहीं करते, जिसका नतीजा शुरुआती चरण में ही बाहर हो जाने के रूप में सामने आता है। एक अध्ययन के मुताबिक नियोक्ता रिज्यूमे देखने में मुश्किल से 20 से 30 सेकेंड का समय लेते हैं। इसी दौरान वे संबंधित उम्मीदवार के लिए अपनी राय बना लेते हैं।
ग्रोथ की संभावना जानें :  कंपनी की वेबसाइट से पता लग जाएगा कि वहां आपके करियर ग्रोथ की संभावनाएं क्या हैं और मिलने वाला वेतन व अन्य सुविधाएं किस तरह की होंगी? उदाहरण के तौर पर यदि विज्ञापन में सेल्स पद के लिए कंप्यूटर साइंस में स्नातक उम्मीदवार की मांग की गई है तो साफ है कि यह पद केवल सेल्स जॉब के लिए है, लेकिन साथ में एमबीए की अनिवार्यता भी है तो अर्थ है कि कार्य बिजनेस डेवलपमेंट के साथ मैनेजमेंट से भी जुड़ा है। स्वाभाविक है कि मैनेजर के पद पर जाने वाले के लिए आगे की संभावनाएं सेल्स जॉब वाले की तुलना में अधिक बेहतर होंगी, जिसके लिए अनुभव और रिसर्च क्षमता की आवश्यकता होती है। विज्ञापन में स्नातक के साथ-साथ एमबीए की मांग है और आयु सीमा दी गई है तो इसका मतलब है कि उन्हें कुछ खास तरह के एक्सपर्ट चाहिए।
पदों की कार्य प्रकृति को समझों : यदि विज्ञापन में विशिष्ट योग्यता के साथ ग्राहकों के बारे में अनुभव को भी शामिल किया गया है तो इसका अर्थ है कि उम्मीदवार रिज्यूमे में अनुभव वर्ष, अपनी विशिष्ट उपलब्धियों और जिस कंपनी के साथ काम कर चुके हैं, उसका विवरण भी दें। विज्ञापन में हर बात खोल कर नहीं दी जा सकती, लिहाजा संक्षेप में लिखी बातों के गूढ़ अर्थ के अनुसार आवेदन करें व इंटरव्यू के दौरान प्रश्नों के उत्तर दें।
यदि ग्राहकों को कंपनी से जोडऩे के बारे में आपके पास कोई खास योजना है तो इसका आप संक्षेप में वर्णन कर सकते हैं। रिज्यूमे में कमिटमेंट और डेडिकेशन जैसे शब्दों के प्रयोग से बचें, यह आपके व्यक्तित्व से झलकना चाहिए।
अपेक्षित वेतन का भी उल्लेख करें : नौकरी देते समय आपका अनुभव काफी महत्व रखता है, पर इस संबंध में कंपनियां आपकी अन्य योग्यता के मुताबिक बारगेन को भी तैयार रहती हैं। बेहतर लेखन क्षमता और प्रजेंटेशन भी काफी मायने रखते हैं।
 उदाहरण के लिए यदि आप सेल्स में हैं तो बहुत सारे प्रपोजल्स आदि तैयार करने की आवश्यकता होती है, जिसे नियोक्ता शुरू में ही परखते हैं। यदि विज्ञापन में पिछली कंपनी के वेतन समेत कुल सीटीसी को पूछा गया है तो साफ है कि कंपनी शुरू के चरण में ही इसके आधार पर योग्य उम्मीदवारों का चयन करना चाहती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप सीटीसी की जानकारी में बोनस व मिलने वाली अन्य सुविधाओं के साथ अपेक्षित वेतन का भी उल्लेख करें।

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