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UP Politics: समाजवादी पार्टी की बड़ी सर्जरी, तीन विधायकों को किया निष्कासित, जानें वजह?

लखनऊ (UP Politics), उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बड़ा फेरबदल देखने को मिला है, जहां समाजवादी पार्टी (सपा) ने अनुशासनहीनता और पार्टी लाइन से हटकर काम करने वालों पर सख्त रुख अपनाया है।

UP Politics: समाजवादी पार्टी की बड़ी सर्जरी, तीन विधायकों को किया निष्कासित, जानें वजह?

लखनऊ (UP Politics), उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बड़ा फेरबदल देखने को मिला है, जहां समाजवादी पार्टी (सपा) ने अनुशासनहीनता और पार्टी लाइन से हटकर काम करने वालों पर सख्त रुख अपनाया है। पार्टी ने सोमवार को तीन बागी विधायकों को निष्कासित कर दिया। इन पर बीते वर्ष राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी को समर्थन देने का आरोप था।

अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज पांडेय को दिखाया बाहर का रास्ता

निष्कासित किए गए विधायकों में गोशाईगंज से अभय सिंह, गौरीगंज से राकेश प्रताप सिंह और ऊँचाहार से मनोज कुमार पांडे शामिल हैं। पार्टी ने इन तीनों नेताओं पर ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी से बाहर करने का फैसला लिया। बताया गया कि कई बार चेतावनी और सुधार का अवसर दिए जाने के बावजूद इन विधायकों के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया।

‘समाजवादी मूल्यों के खिलाफ गतिविधियां असहनीय’ – सपा का सख्त संदेश

सपा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर इन विधायकों के निष्कासन की घोषणा करते हुए कहा, “समाजवादी पार्टी सकारात्मक, समावेशी और जनहितकारी विचारधारा की पक्षधर है। इन विधायकों ने पार्टी की मूल भावना के विपरीत साम्प्रदायिक और विभाजनकारी ताकतों का साथ दिया है। ऐसे जनविरोधी रुख के लिए सपा में कोई स्थान नहीं है।”

राज्यसभा चुनाव में की थी क्रॉस वोटिंग

बता दें कि बीते साल राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा के कुल आठ विधायकों ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर बीजेपी को वोट दिया था। नतीजतन सपा के एक उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी के पास पर्याप्त संख्या नहीं होने के बावजूद उसका आठवां उम्मीदवार जीत गया। इसी घटना के चलते अब कार्रवाई का सिलसिला शुरू हुआ है।

बाकी विधायकों को मिली चेतावनी

हालांकि, फिलहाल केवल तीन विधायकों को निष्कासित किया गया है। बाकी पांच विधायक– पूजा पाल, राकेश पांडे, विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष चतुर्वेदी और महाराजी देवी को ‘अच्छे व्यवहार’ के आधार पर फिलहाल राहत मिली है। सपा ने यह भी स्पष्ट किया है कि “भविष्य में अगर इन नेताओं का रवैया जनविरोधी पाया गया, तो पार्टी कोई नरमी नहीं बरतेगी।”

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