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UP Population Control Bill: जनसंख्या नियंत्रण कानून अगर यूपी के सांसद और विधायकों पर लागू हुआ तो क्या होगा इनका हाल?
UP Population Control Bill: उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रस्तुत जनसंख्या नियंत्रण बिल (Population control Bill) ने देश भर में सनसनी पैदा कर दी है। एक तरफ जहां बिल ने यह प्रावधान रखा है कि स्थानीय चुनाव में दो से ज्यादा बच्चों के माता पिता चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। वहीं दूसरी तरफ सांसद और विधायकों (MLAs) को इस शामिल नहीं किया गया है। जिसके लिए केंद्र को भी कानून बनाना होगा। बहस का मुद्दा यह है कि अगर जनसंख्या नियंत्रण के लिए कम बच्चे पैदा करने के वालों को ही प्रोत्साहित करने की बात है तो ऐसा कानून सांसदों और विधायकों के लिए क्यों नहीं बनाया जा रहा है।
क्या-क्या है इस बिल में-
उत्तर प्रदेश जनसंख्या विधेयक 2021 के मुताबिक स्थानीय चुनावों में दो से ज्यादा बच्चों के माता पिता, सरकारी नौकरी नहीं कर सकेंगे, चुनाव नहीं लड़ सकेंगे और उन्होंने किसी तरह की सब्सिडी नही मिलेगी। इतना ही नहीं उन्हें सरकारी नौकरी में पदोन्नति तक नहीं मिलेगी। बिल से साफ इसमें सांसद और विधायकों को शामिल नहीं किया गया है।
क्या होगा अगर यह बिल सांसदों और विधायकों पर लागू हुआ तो?
उत्तर प्रदेश विधानसभा की वेब साइट के मुताबिक प्रदेश विधानसभा 304 बीजेपी विधायकों में से 152 विधायकों के दो से ज्यादा बच्चे हैं। वहीं अगर यह बिल सांसदों पर लागू हुआ तो 540 सांसदों की लोकसभा में कुल 186 सांसदों की सदस्यता इसके मुताबिक रद्द हो जाएगी जिसमें से बीजेपी के 105 सांसद होंगे
उत्तर प्रदेश विधानसभा में किसके कितने हैं विधायक?
इस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा में इस समय 397 विधायक हैं. इनमें से 304 भारतीय जनता पार्टी के, समाजवादी पार्टी के 49, बहुजन समाजवादी पार्टी के 18, अपनादल के 9, कांग्रेस के 7 सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के 4, राष्ट्रीय लोकदल के एक, निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल के एक और तीन निर्दलीय विधायक हैं। अगर यह कानून विधायकों पर लागू कर दिया जाए तो अकेले बीजेपी के ही आधे विधायकों की छुट्टी हो जायेगी।
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