
UP विधानसभा चुनाव का प्रचार तो थम गया लेकिन रिजल्ट का सबको बेसब्री से इंतजार है। जिस बेसब्री से नेता रिजल्ट का इंतजार में बैठे हैं उससे कम जनता में भी दिलचस्पी नहीं है। क्योंकि पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण यूपी भी इन राज्यों में शामिल है। जिसका परिणाम राज्य की सत्ता से देश की सत्ता तक असर डालेगा। इसलिए यूपी के चुनावी रण में मतदाताओं को लुभाने के लिए कोई नेता पीछे नहीं रहे।
PM मोदी हो या CM अखिलेश राहुल गांधी हो या मायावती। सबने अपनी -अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लेकिन तबाड़तोड़ रैलियां करने में CM अखिलेश यादव सबसे आगे रहे है। उन्होंने 221 रैलियां कीं। जबकि दूसरे नंबर पर यूपी के BJP अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या रहे जिन्होंने 150 जनसभाएं कीं है।
CM अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर जिले से रैलियों की शुरूआत की थी। 24 जनवरी को यहां पहली चुनावी सभा को संबोधित किया। उसके बाद लगातार 36 दिनों से उनका ये क्रम जारी रहा। 36 दिनों में 221 रैलियां कर सबको चौका दिया। पार्टी की पूरी कमान उनके ही हाथ में थी। अखिलेश के लिए ये चुनाव परिवार पार्टी और खुद की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया। इसलिए उन्होंने कोई कसर नहीं रहने दी। यहां तक कि उनकी पत्नी डिंपल यादव भी चुनावी मैदान में उतर गईं और कई सभाओं को संबोधित किया।
प्रचार के अंतिम दिन जौनपुर के केराकाट में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा कि ये चुनावी सभा अंतिम है क्योंकि चुनाव प्रचार समाप्त हो रहा है। इसलिए मैं आप सब से अपील कर रहा हूं कि सपा को वोट करें और मदद दें। उनके पिता मुलायम सिंह यादव इस चुनाव से बाहर ही रहे। उन्होंने केवल सिर्फ चार सभाएं की। पिछले विधानसभा चुनाव में मुलायम ने 300 से ज्यादा सभाएं की थीं। वहीं शिवपाल यादव भी इस बार जसवंत नगर तक ही सीमित रहे।
अब तो परिणाम ही बता पायेगा कि अखिलेश की ये धुंआधार रैलियां पब्लिक के बीच कितना असर की है।
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