
अफजल गुरु की फांसी की बरसी मनाने के लिए छात्रों का एक समूह एकत्रित हुआ और इस दौरान उसे शहीद बताते हुए उसके समर्थन में न केवल नारेबाजी की गई, बल्कि कश्मीर की आजादी और भारत की बर्बादी तक जंग जारी रहने का इरादा भी जताया गया। जेएनयू में पहले भी कुछ इसी तरह के आयोजन होते रहे, लेकिन न तो उनकी ज्यादा चर्चा हुई और न ही पुलिस ने हस्तक्षेप किया। इस बार देशविरोधी नारेबाजी के वीडियो और अफजल के समर्थन वाले पोस्टर सार्वजनिक हो गए। ऐसा होते ही लोगों में आक्रोश फैला और जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया और कथित सांस्कृतिक संध्या के आयोजकों की तलाश शुरू हो गई। हालांकि गृह मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि इस मामले में किसी को अकारण तंग नहीं किया जाएगा, लेकिन विपक्षी दल जमकर राजनीति कर रहे हैं।आखिर देशविरोधी नारे लगाने के आरोपी छात्र कन्हैया की गिरफ्तारी पर इतना हंगामा क्यों?
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