
ज्ञात हो कि 20 दिसंबर 2017 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने UP सरकार से सवाल किया था कि आखिर किसके आदेश की वजह से इन धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बज रहे हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंदिर और मस्जिद में बजने वाले लाउडस्पीकर के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा प्रदेश के गृह सचिव, मुख्य सचिव और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण को तलब करके जवाब मांगा था। जिसके बाद आखिरकार प्रदेश के तमाम धार्मिक स्थलों पर बजने वाले लाउडस्पीकर को हटाए जाने का आदेश जारी किया गया है।
कोर्ट ने पूछा सवाल -
हालांकि कोर्ट ने यह साफ किया था कि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर खास मौके पर लाउडस्पीकर बजाने के लिए प्रशासन की इजाजत लेनी अनिवार्य होगी, साथ ही इसे तय शर्त के अनुसार ही बजाना संभव होगा। कोर्ट ने कहा था कि ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के मुताबिक रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर बजाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा था कि आखिर जब पहले से ही यह नियम है तो कैसे इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है।
IG ने दिया आदेश -
कोर्ट के सख्त रूख के बाद उत्तर प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर आईजी ने एसपी-एसएसपी को निर्देश जारी करके कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए। इस बाबत प्रदेश के सभी जिलों में सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमे साफ तौर पर कहा गया है कि बिना इजाजत धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति नहीं दी जाए और इन नियम का सख्ती से पालन किया जाए।
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