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जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर जो जीता वही सिकन्दर हो गया, कैसे?

चीन के जिजीयांग स्टेट में अशोक स्तंभ आज भी मौजूद है। चीन के लोगों को चक्रवर्ती अशोका की महानता और वीरता की कथाएं पता है लेकिन जिस देश में उनका जन्म हुआ उस देश यानी भारत के लोग उनके इतिहास को भूल गये।

जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर जो जीता वही सिकन्दर हो गया, कैसे?

चीन के जिजीयांग स्टेट में अशोक स्तंभ आज भी मौजूद है। चीन के लोगों को चक्रवर्ती अशोका की महानता और वीरता की कथाएं पता है लेकिन जिस देश में उनका जन्म हुआ उस देश यानी भारत के लोग उनके इतिहास को भूल गये। सम्भव है कि हममें कहीं न कहीं पर विषमता और जातिवादिता का जहर घोलकर इस स्वर्णिम इतिहास को भुलवाया गया हो।

देश में अशोका विजया दशमी सिर्फ बौद्ध, आंबेडकरवादी ही क्यों मनाते है ? शेष भारतीय सम्राट अशोका का इतिहास क्यों भूल गये ? आइये कुुुछ साधारण शब्दों में जानने की कोशिश करते है:-

- कभी आपने सोचा कि जिस सम्राट के नाम के साथ संसार भर के इतिहासकार “महान” शब्द लगाते हैं...... जिस सम्राट का राज चिन्ह अशोक चक्र भारत देश अपने झंडे में विद्यमान है।

- जिस सम्राट का राज चिन्ह चारमुखी शेर को भारत देश राष्ट्रीय प्रतीक मानकर सरकार चलती है।

- जिस देश में सेना का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान सम्राट अशोक के नाम पर "अशोक चक्र " दिया जाता है।

- जिस सम्राट से पहले या बाद में कभी कोई ऐसा राजा या सम्राट नहीं हुआ, जिसने अखंड भारत (आज का नेपाल, बांग्लादेश, पूरा भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) जितने बड़े भूभाग पर एक क्षत्रीय राज किया हो।

- जिस सम्राट के शासन काल को विश्व के बुद्धिजीवी और इतिहासकार भारतीय इतिहास का सबसे स्वर्णिम काल मानते हैं।

- जिस सम्राट के शासन काल में भारत विश्व गुरु था, सोने की चिड़िया था, जनता खुशहाल और भेदभाव रहित थी।

- जिस सम्राट के शासन काल में कई हाईवे बने, पूरे सड़क पर पेड़ लगाये गए, सराये बनायीं गईं। इंसान तो इंसान जानवरों के लिए भी प्रथम बार अस्पताल खोले गए, जानवरों को मारना बंद कर दिया गया।

- ऐसे महान सम्राट अशोका का स्वर्णिम इतिहास को कैसे भुलाया गया ?अफ़सोस हम कुछ भारतीय लोग हमारा स्वर्णिम इतिहास जानते नहीं , न ही जानना चाहते है ।

जो जीता वही चंद्रगुप्त ना होकर, जो जीता वही सिकन्दर “कैसे” हो गया? जबकि सिकंदर की सेना ने चन्द्रगुप्त मौर्य की सेना टक्कर नही लेे सकी थी जिसके सिकन्दर के सेनापति को सन्धि की मांग करनी पड़ गई थी  और सिकंदर ने मित्रता के तौर पर अपने सेनापति सेल्युकश कि बेटी की शादी चन्द्रगुप्त से की थी।

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