एक प्रमुख ब्रिटिश अखबार के भारतीय मूल के संपादक ने आज कहा कि वह भारत की वित्तीय राजधानी को अब फिर से मुंबई की जगह ‘बॉम्बे’ लिखेगा और यह कदम हिंदू राष्ट्रवाद के खिलाफ एक रूख अपनाने को लेकर उठाया गया है ।‘द इंडिपेंडेंट के संपादक’ अमोल राजन ने बताया कि बॉम्बे एक खुला, महानगर बंदरगाह है, द गेटवे ऑफ इंडिया है जो दुनिया के लिए खुला हुआ है । यदि आप इसे वह कहते हैं जो हिंदू राष्ट्रवादी आपसे इसे कहने की मांग करते हैं तो आप जरूर ही उनके लिए उनका काम कर रहे हैं ।
कोलकाता में जन्मे 32 वर्षीय संपादक ने कहा कि अखबार का रूख हिंदू राष्ट्रवाद के खिलाफ है। इस शहर का नाम 1995 में आधिकारिक रूप से बदल कर मुंबई किया गया था ताकि औपनिवेशिक नाम ‘बॉम्बे’ से इसकी दूरी बनाई जा सके । शिवसेना के दबाव के चलते एेसा किया गया था जिसने 1995 से 1999 तक भाजपा के साथ गठजोड़ कर राज्य में शासन किया था ।‘बॉम्बे’ नाम का इस्तेमाल ब्रिटिश राज के दौरान किया गया था और इसकी जड़ें पुर्तगाली औपनिवेशिक नाम ‘बॉम बाहिया’ (अच्छी खाड़ी) में है।
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