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कांग्रेस ने वाराणसी में अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान हिंसा को भाजपा और विहिप की ‘कारस्तानी’ करार देते हुए गिरफ्तार विधायक अजय राय को रिहा करने की मांग की। विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान ‘कार्य स्थगन प्रस्ताव’ के जरिए यह मुद्दा उठाया। पार्टी के प्रदीप माथुर ने जैसे ही हिंसा के पीछे भाजपा और उसके सहयोगियों का हाथ होने का आरोप लगाया, भाजपा सदस्य विरोध में अपनी सीटों पर खडे हो गए।
हिंसा के पीछे भाजपा, विहिप और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को जिम्मेदार ठहराने पर भाजपा नेता सुरेश खन्ना ने प्रतिवाद किया। इस मुद्दे पर कांग्रेस तथा भाजपा सदस्यों के बीच तीखे आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए। वाराणसी में गणेश प्रतिमा विसर्जन की मांग को लेकर अक्तूबर में प्रदर्शन कर रहे साधु संतों पर पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में निकाली गयी अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान हिंसा हो गई थी।
माथुर ने इसे भाजपा और विहिप कार्यकर्ताआें की कारस्तानी बताते हुए इस सिलसिले में पार्टी विधायक अजय राय की रासुका के तहत हुई गिरफ्तारी को गलत बताया। कांग्रेस ने राय को रिहा करने की मांग की। कांग्रेस सदस्य ‘अजय राय को रिहा करो’ के नारे लिखे कागज हाथ में लेकर अपनी सीटों पर खडे हो गए जबकि भाजपा सदस्य सदन के बीच में आकर नारेबाजी करने लगे।
सदन में अव्यवस्था की स्थिति पैदा होने पर विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पान्डेय ने कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी और हंगामा जारी रहने पर यह अवधि 55 मिनट तक बढा दी गई।
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