रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेल बजट पेश करते समय पांच राज्यों को विधानसभा चुनाव को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। पश्रिम बंगाल,तमिलनाडु,केरला असम और पुडुचेरी में इस साल मई से पहले चुनाव होने हैं लिहाजा ये अंदाजा लगाया जा रहा था कि रेल मंत्री इन राज्यो को रेल बजट में बड़ी सौगात देंगे लेकिन प्रभु ने चुनावों को नजरअंदाज कर दिया और किसी राज्य के लिए विशेष घोषणा नही की। सामान्य तौर पर रेल मंत्री बजट पेश करते समय चुनाव वाले राज्यों का ध्यान रखते हैं और इसे चुनावी हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं लेकिन प्रभु ने इस परंपरा को तोड़कर रेलवे के विकास के लिए बजट पेश किया और चुनाव वाले राज्यों में न तो कोई नई ट्रैन दी न ही किसी प्रकार का बड़ा चुनावी ऐलान किया। प्रभु की इस सोच को बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
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