
लखनऊ। लंबे समय से चली आ रही तमाम अटकलों के बीच मंजिल सैनी को लखनऊ की एसएसपी बनाने की घोषणा कर दी गई है। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब किसी महिला पुलिस अधिकारी को शहर का एसएसपी बनाया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बाकायदा ट्वीट करके मंजिल सैनी को एसएसपी लखनऊ बनाए जाने की जानकारी दी है।
बता दें कि सोमवार को ही मंजिल सैनी एसएसपी बनने वाली थी लेकिन आदेश जारी होने के तीन घंटे बाद ही तबादला रोक दिया गया था। अखिलेश सरकार ने एसएसपी राजेश पांडे को डीजीपी ऑफिस में भेजते हुए उनकी जगह इटावा की एसएसपी मंजिल सैनी को लखनऊ का एसएसपी बनाने का फैसला लिया था।
कौन हैं मंजिल सैनी-
19 सितंबर 1975 को दिल्ली में जन्मी मंजिल सैनी ने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से की। इसके बाद दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनामिक्स से मंजिल ने न सिर्फ मास्टर डिग्री हासिल की बल्कि गोल्ड मेडल भी हासिल किया। वर्ष 2005 बैच की आईपीएस अधिकारी मंजिल सैनी इसके पहले इटावा, मुजफ्फरनगर, बंदायू, मथुरा समेत आधा दर्जन से ज्यादा जनपदों में बतौर पुलिस कप्तान तैनात रहीं। इटावा में वह बीते एक साल से बतौर एसएसपी तैनात थी।
मंजिल ट्रेनिंग पूरी करने के छह महीने बाद ही मुरादाबाद में तैनाती के दौरान गुडगांव के 2008 के बहुचर्चित किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया जिसके चलते वो सुर्खियों में आईं। कुछ समय पहले सैफई में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके कामकाज की जमकर तारीफ की थी। जिसके बाद शासन स्तर पर मंजिल सैनी के एसएसपी लखनऊ बनाए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। साल 2013 में जब मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे उससे पहले मंजिल की पोस्टिंग वहां हुई थी। बता दें कि मंजिल सैनी ने विपरीत परिस्तिथियों में सिविल सेवा की परीक्षा पास की थी। मंजिल ने इस बात को खुद स्वीकारा है कि जिस समय उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा पास की थी उस समय वो प्रेगनेंट थी।
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