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मंच के बजाय लोगों के बीच पीएम मोदी ने किया योग

लखनऊ। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राजधानी लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योगाभ्यास के दौरान मिसाल पेश की। कार्यक्रम के शुरू होने से पहले तेज बारिश के कारण मैदान में जहां पानी

 मंच के बजाय लोगों के बीच पीएम मोदी ने किया योग

लखनऊ। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राजधानी लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योगाभ्यास के दौरान मिसाल पेश की। कार्यक्रम के शुरू होने से पहले तेज बारिश के कारण मैदान में जहां पानी

भर गया था और लोग पूरी तरह से भीग गए थे। ऐसे में उनका जोश बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने मंच की जगह लोगों के बीच जाकर मैदान में योग किया। योग की ड्रेस पहने प्रधानमंत्री मोदी को अपने बेहद करीब योग करते देख लोगों का उत्साह और भी गई गुना बढ़ गया। पीएम मोदी की तरह राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा व केशव प्रसाद मौर्य, केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक, प्रदेश के आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धर्म सिंह सैनी ने भी आम जनता के बीच जाकर शंख की ध्वनि की शुरूआत के साथ योगाभ्यास किया। इनमें मुख्यमंत्री योगी और केन्द्रीय मंत्री श्रीपद को छोड़कर सभी योग की ड्रेस में थे। करीब 20 मिनट योग करने के बाद प्रधानमंत्री आयोजन स्थल से रवाना हो गए।

योग मैट का बारिश में इस्तेमाल करना लखनऊ वालों ने सिखाया-
इस पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न कोनों में इसी प्रकार से कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, उन्हें लखनऊ की धरती से मेरा प्रणाम है। उन्होंने कहा कि योग की विशेषता है कि किसी भी प्रकार के उतार चढ़ाव के बीच भी स्वस्थ मन के साथ जीने की कला इससे सीखने को मिलती है, लेकिन आज लखनऊ के इस विशाल मैदान में हजारों लोग सन्देश दे रहे हैं कि जीवन में योग का तो महत्व है ही, लेकिन अगर बारिश आ जाये तो योग मैट का किस तरह उपयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि योग मैट का यह उपयोग भी लखनऊ वालों ने दिखा दिया। लगातार बारिश के बाजवूद जिस तरह सभी लोग डटे रहे, योग को बल देने का यह प्रयास अभिनन्दीय है।

दुनिया से भारत को जोड़ने का काम कर रहा योग-
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक वक्त था जब योग संस्थाओं में ऋषियों की साधना का मार्ग हुआ करता था, आज योग घर-घर का जन-जन के जीवन का हिस्सा बन रहा है। विश्व के अनेक देश जो न हमारी भाषा जानते हैं, हमारी परम्परा और संस्कृति से परिचित हैं, आज योग के कारण वह भारत के साथ जुड़ने लगे हैं। उन्होंने कहा कि योग शरीर, बुद्धि और मन को जोड़ता है और आज दुनिया को हमसे जोड़ने में अहम भूमिका अदा कर रहा है।

योग को प्रोफेशन के तौर पर ले रहे नौजवान-
प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने सबसे अधिक वोटों से सबसे कम समय में योग को मान्यता दी। आज शायद ही कोई ऐसा देश हो जहां योग को लेकर जागरूकता नहीं बढ़ी हो। आज योग के नए-नए इन्सट्ीट्यूट बढ़ रहे हैं। इनमें नौजवान योगा को प्रोफेशन के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। दुनिया में योग टीचर की मांग हो रही है, जिनमें भारत के लोगों को प्राथमिकता मिल रही है।

शरीर के सुसुप्त अंगों में आती है चैतन्यता-
उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब हर कोई अपने-अपने तरीके से योग करता था, धीरे-धीरे वैज्ञानिक तरीके से इसे अपनाया जा रहा है। दुनिया में भारत के योग को मानव संस्कृति की विरासत के तौर पर मान्यता दी गई है। उन्होंने कहा कि जब हम पहली बार योग करते हैं, हमारे शरीर के कितने अहम अंग है, जिनकी ओर हमारा ध्यान नहीं गया। शरीर के जो अंग शिथिल पड़े हैं, सुसुप्त हैं, उनके भीतर जागरूकता आने लगी है, चैतन्यता आती है।

जीने की कला है योग-योगी-
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी का प्रदेश की जनता की ओर से आभार जताया। उन्होंने कहा कि रमाबाई त्याग, बलिदान और साहस की प्रतिमूर्ति थी। उन्होंने डॉ. भीमराव अम्बेडकर को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। ऐसी महान महिला के नाम पर इस मैदान में यह कार्यक्रम सरकार को उनकी श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि योग हमारी प्राचीन ऋषि परम्परा का प्रसाद है। योग जीने की कला है, जो हमें एक दूसरे से जोड़ना सीखाती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सितम्बर 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की कोशिशों की बदौलत इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली। आज तृतीय अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश के हर जनपद में प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप इसे एक जनान्दोलन के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने भारत की इस प्राचीन विधा को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह योग को जनाभियान का हिस्सा बनायें।

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