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सावधान! अमरनाथ यात्रा आतंकियों के निशाने पर

श्रीनगर। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और सेना ने राज्य सरकार को चेताया है कि अमरनाथ यात्रा आतंकी निशाने पर है। सेना ने उस श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे तथा श्रीनगर-से पवित्र गुफा तक के मार्ग को भी अपने अधीन लेने की घोषणा की है, जिसका उपयोग आने वाले लाखों अमरनाथ श्रद्धालु दो महीनों तक करेंगे।

सावधान! अमरनाथ यात्रा आतंकियों के निशाने पर

आतंकियों के निशाने पर टाप पर आने के बाद अमरनाथ यात्रा चुनौती के रूप में सामने आने लगी है। आधिकारिक तथा सुरक्षा के मोर्चे पर मिलने वाली चेतावनी यही कहती है कि अमरनाथ यात्रा को खतरों से मुक्त बनाना हो तो इसे पर्यटन बाजार में न बदला जाए क्योंकि आतंकियों के लिए यह 'सॉफ्ट टारगेट' बन सकती है।

सीआरपीएफ और सेना के अधिकारी कहने लगे हैं कि आतंकी अमरनाथ यात्रियों पर हमले कर सकते हैं। ऐसे में सेना ने अपने स्तर पर नेशनल हाइवे और अमरनाथ यात्रा मार्ग को अपने अधीन लेने की घोषणा की है।

गुप्तचर एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा के पूरे मार्ग को आतंकवादी हमले के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

सभी संबंधित एजेंसियों को कहा गया है कि सुरक्षा परिदृश्य, यात्रा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति पर विचार करते हुए यात्रियों पर आतंकवादियों के हमले का खतरा है। यात्रा की संवेदनशीलता और प्रसिद्धि की वजह से यह आतंकी हमले के लिहाज से बहुत संवेदनशील है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देश में सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को कहा गया है कि वे इस मामले में सभी नियमों का पालन करें ताकि 2 जुलाई से शुरू हो रही यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

इस निर्देश में कहा गया है कि इस संबंध में खुफिया एजेंसियों और एकीकत मुख्यालय से मिले निर्देश और जानकारी को अन्य सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के साथ तुरंत साझा करना चाहिए और किसी संभावित घटना को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।

अगर हालात की चर्चा करें तो यह परतें उघड़नें लगी हैं कि आतंकी अमरनाथ यात्रा को निशाने पर ले सकते हैं। फिलहाल किसी आतंकी गुट की ओर से कोई चेतावनी नहीं मिली है न ही अमरनाथ यात्रा पर किसी संगठन ने प्रतिबंध लगाया है मगर मिलने वाली सूचनाएं प्रशासन को परेशान कर रही हैं। ऐसी सूचनाओं से सेना और केरिपुब के अधिकारी भी परेशानी में हैं।

बकौल उन सुरक्षाधिकारियों के, जिनके कंधों पर यात्रा का जिम्मा है, इतनी भीड़ को संभाल पाना और सुरक्षा प्रदान कर पाना आसान काम नहीं है। पहले ही आतंकी सभी सुरक्षा प्रबंधों को धता बताते हुए हर बार अमरनाथ यात्रियों पर हमले करने में कामयाब होते रहे हैं। अब अगर इतनी भीड़ होगी तो किस-किस को कहां सुरक्षा प्रदान की जाएगी जबकि यात्रा करने वालों को पर्यटक के रूप में सरकार कश्मीर के अन्य पर्यटन स्थलों की ओर भी खींचकर लाने की इच्छुक है,’एक अधिकारी का कहना था।

Source : Web Dunia

 

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