गुजरात: जिस स्कूल में महात्मा गांधी ने की थी पढ़ाई बीजेपी सरकार उसे बंद करेगी गुजरात सरकार ने इस स्कूल को बंद करने के पीछे जो तर्क दिया है वह काफी हैरान करने वाला है।गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग के मुताबिक इस स्कूल के छात्रों का परफॉर्मेंस बेहद खराब रहा है साल 2013-14 में इस स्कूल का कोई भी बच्चा दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर सका। पिछले 10 सालों से इस स्कूल का एकेडमिक रिकॉर्ड बेहद खराब था और नये छात्रों का एडमिशन लगभग शून्य पर पहुंच गया था। गुजरात सरकार अब इस स्कूल को संग्रहालय में तब्दील करने जा रही है। राजकोट के जिला शिक्षा अधिकारी इंचार्ज रीवा पटेल ने बताया कि पिछले साल अगस्त में सरकार ने इस स्कूल को विश्व स्तरीय संग्रहालय में बदलने का फैसला लिया था इसके मुताबिक स्कूल के वर्तमान छात्रों को दूसरे स्कूलों में दाखिला दिया जाना था। सरकार के निर्देश के मुताबिक स्कूल के छात्रों को विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।सरकार ने इस स्कूल के विद्यार्थियों की पढ़ाई लिखाई सुधारने के लिए कई उपाय किये लेकिन इसका असर नहीं हुआ रीवा पटेल ने कहा ‘ बोर्ड के रिजल्ट में सुधार आ ही नहीं रहा था सरकार ने कई उपाय किये छात्रों की उपस्थिति भी हर साल घटती जा रही थी।’ सरकार के निर्देश के बाद लगभग 150 छात्रों ने बगल में ही स्थित करनसिंहजी हाई स्कूल में दाखिल ले लिया है।पहले अल्फ्रेड हाई स्कूल नाम से प्रसिद्ध इस स्कूल को निर्माण जूनागढ़ के तत्कालीन नवाब ने करवाया था। इस स्कूल में 1875 से शिक्षण कार्य शुरू हुआ। महात्मा गांधी ने यहां 1880 से 1887 तक माध्यमिक शिक्षा ग्रहण की। 1971 में इस स्कूल का नाम बदलकर मोहनदास गांधी विद्यालय रख दिया गया। इस स्कूल में लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है जबकि लड़कों से मात्र 5 रुपये लिये जाते हैं। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने इस स्कूल को बंद किये जाने पर दुख जाहिर किया है और ट्वीट किया है कि जिस स्कूल में बापू ने शिक्षा ग्रहण की उसे बंद किया जा रहा है क्या यहीं गुजरात मॉडल है।
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